बोकारो से जय सिन्हा
बोकारो: आज रविवार की दोपहर आंदोलन मंच के केंद्रीय अध्यक्ष शशि भूषण ओझा ‘मुकुल’ के नेतृत्व में बोकारो हवाई अड्डे के मुख्य द्वार पर सांकेतिक धरना दिया गया.
मुकुल ओझा ने बताया कि लगभग रु. इस एयरपोर्ट के निर्माण में अब तक 100 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं और पिछले 5 साल से यह लगभग बनकर तैयार है, लेकिन कुछ छोटी-मोटी कमियों और राजनीतिक व प्रशासनिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण यह एयरपोर्ट अब भी अधूरा है. यह हवाई अड्डा बोकारो के औद्योगिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य और पर्यटन विकास में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है और यह बोकारो के भविष्य से भी जुड़ा है, लेकिन इसके उद्घाटन की तारीख अभी घोषित की गई है लेकिन यह सिर्फ एक घोषणा है। जमीनी स्तर पर प्रयास जस के तस रहे और सफल होते नहीं दिख रहे, इसलिए बोकारो की जनता ठगा हुआ महसूस कर रही है. आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। आंदोलन के माध्यम से केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय, राज्य सरकार, एयरपोर्ट अथॉरिटी, जिला प्रशासन व सेल को चेतावनी दी गयी कि जो भी लोग एयरपोर्ट खोलने में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं.
इसे अविलंब हटाया जाना चाहिए और बोकारो हवाईअड्डे को अविलंब चालू किया जाना चाहिए. जब तक इस हवाई अड्डे से यात्री विमानों की उड़ान शुरू नहीं हो जाती, तब तक नागरिक अधिकार मंच का आंदोलन जारी रहेगा. अगर लोगों का असंतोष बढ़ा तो इस आंदोलन की तीव्रता और तेज हो जायेगी. इस अवसर पर मंच से जुड़े पदाधिकारी एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे.



