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Saturday, November 8, 2025
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कोल वासरी निर्माण हेतु पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु जनसुनवाई सम्पन्न


बालूमाथ: झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद द्वारा शनिवार को बालूमाथ प्रखंड के चेताग पंचायत भवन में मेमर्स ओमकार कोल वाशिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कोल वाशरी की स्थापना को लेकर पर्यावरण मंजूरी से संबंधित जन सुनवाई की गयी. लिमिटेड

इस जनसुनवाई में ओल्हेपाठ, चेताग, पकरी, दिरिदाग, कलकलिया सहित आसपास के कई गांवों के ग्रामीण शामिल हुए. कंपनी के कर्मचारी स्वप्निल कामदेव ने उपस्थित लोगों को बताया कि यह कोयला वसारी ओलहेपाट में लगाया जायेगा. आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। जिसमें 2.48 एमटीपीए वेट कोल वाशरी की स्थापना की जायेगी. कोल वाशरी से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम एवं रोजगार से संबंधित विस्तृत जानकारी दी।

वहीं जनसुनवाई में सभी ग्रामीणों ने एक स्वर से कहा कि हम कोल वासरी स्थापना का समर्थन करते हैं. लेकिन ग्रामीणों की सुविधा का ख्याल रखा जाना चाहिए। ग्रामीण अनु ओरांव ने कहा कि फैक्ट्री तो लगे लेकिन स्कूल, अस्पताल, पानी, सड़क मरम्मत, सार्वजनिक भवन और परिवहन सुविधा कंपनी मुहैया कराये.

वहीं बालकेश्वर गंझू ग्राम ओल्हेपाट ने कहा कि कंपनी लिखित आश्वासन दे कि यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा. सुरेश तुरी ने कहा कि यहां के स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार मिलना चाहिए. सावित्री देवी ने कहा कि यहां एक अच्छा स्कूल होना चाहिए और स्थानीय लोगों को स्कूल में काम भी देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि जितनी जमीन अधिग्रहित की गयी है, उससे अधिक जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाना चाहिए. भविष्य में ऐसा न हो कि हमें गांव से भगा दिया जाये. वहीं सुनील लोहारा ने कहा कि कंपनी में बैठे लोग हमारी समस्याओं को अच्छी तरह से समझ रहे होंगे, इसलिए जल, जंगल और जमीन का नुकसान नहीं होना चाहिए.

ललिता कुजूर ने कहा कि हम कंपनी की स्थापना का समर्थन करते हैं, लेकिन सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए चेक पोस्ट और एंबुलेंस की व्यवस्था की जानी चाहिए. शांति देवी, जीतेंद्र तुरी, शंभु कुमार गंझू, मदन गंझू, मोहन गंझू, जिप उपाध्यक्ष अनिता देवी, कोमर निवासी एसडीएम प्रवीण कुमार सिंह समेत कई लोगों ने कोल वसारी लगाने का समर्थन किया और बुनियादी समस्या के समाधान का मुद्दा उठाया.

इस पर कंपनी के प्रतिनिधि ने कहा कि 75 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से जबकि 150-200 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए 1500 पौधे लगाये जायेंगे. न तो कोयला धोने का पानी बाउंड्री के बाहर छोड़ा जाएगा और न ही किसी प्रकार का तरल पदार्थ बाउंड्री के बाहर फेंका जाएगा। प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए परियोजना द्वारा हर 3 माह में मॉनिटरिंग की जायेगी.

जिसमें हवा की गुणवत्ता की जांच की जाएगी. लातेहार के अपर समाहर्ता रामा रविदास ने कहा कि उपस्थित लोगों ने एक स्वर से कहा कि कोयला खदान लगनी चाहिए, लेकिन कंपनी जो वादा कर रही है, उसे पूरा करे. उन्होंने कंपनी से यह भी कहा कि ग्रामीणों से किए गए वादे में 75 फीसदी स्थानीय लोगों को नौकरी देनी होगी और जनसुनवाई में किए गए सभी वादे पूरे करने होंगे.

बालूमाथ अंचल अधिकारी ने कहा कि कंपनी द्वारा उठाये गये कोयले को हाइवे की बजाय तिरपाल से ढकने का प्रयास करें, इससे भी प्रदूषण कम होता है. इस अवसर पर झारखंड राज्य प्रदूषण बोर्ड के अध्यक्ष मनीष भूषण कुमार, जिला उद्योग केंद्र के जीएम रघुवीर सिंह, फील्ड ऑफिसर कुणाल सहदेव, महाप्रबंधक पर्यावरण सलाहकार ज्ञानेश पाठक, प्रदूषण बोर्ड के शैलेश कुमार, क्षेत्रीय पदाधिकारी प्रदूषण समीर कुमार, एसईएम ग्रामीण लाल रंजीत नाथ शाहदेव, मोहम्मद इमरान, सांसद प्रतिनिधि प्रेम प्रसाद गुप्ता, अमित शाहदेव, पंचायत समिति सदस्य ईश्वरी पासवान, मो आजम समेत 500 अन्य लोग उपस्थित थे. 100 से अधिक ग्रामीण मौजूद थे.

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