मध्य प्रदेश के दमोह स्थित एक सरकारी स्कूल में दो छात्राओं को पानी की बोतल में जहर देने की घटना के बाद जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है. जिला कलेक्टर सुधीर कोचर के आदेश पर की गई जांच में प्रथम दृष्टया लापरवाही पाए जाने पर स्कूल के हेडमास्टर और हॉस्टल वार्डन को उनके पद से हटा दिया गया है. दोनों छात्राओं का इलाज जिला अस्पताल में जारी है.
यह सनसनीखेज मामला दमोह ब्लॉक के टोरी गांव के शासकीय माध्यमिक विद्यालय का है. गुरुवार को दो छात्राओं ने मिड-डे मील खाने के बाद बोतल से पानी पी लिया, जिसके कुछ ही देर बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. उन्हें तुरंत दमोह जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उनके शरीर में जहर होने की पुष्टि की।
जांच में हेडमास्टर और हॉस्टल वार्डन के बीच आपसी दुश्मनी सामने आई
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि छात्राओं की पानी की बोतलों में जानबूझकर जहर मिलाया गया था। इस घटना से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर सुधीर कोचर ने गुरुवार रात को ही जिला स्तरीय जांच कमेटी गठित कर दी.
हॉस्टल वार्डन ने हेडमास्टर पर बदनाम करने का गंभीर आरोप लगाया
शुक्रवार को जांच टीम ने पूरे दिन स्कूल व हॉस्टल पहुंचकर जांच की. इस दौरान कस्तूरबा गांधी आवासीय छात्रावास वार्डन यशवंती महोबे ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रेमलाल अहिरवाल पर गंभीर आरोप लगाए। वार्डन ने इसे खुद को बदनाम करने की साजिश बताया और कहा कि हेडमास्टर ने बच्चियों को जहर दिया है.
आपसी कलह और लापरवाही के कारण छात्राओं की सुरक्षा खतरे में है।
जांच टीम ने शुक्रवार देर रात अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी। रिपोर्ट में हेडमास्टर और वार्डन के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद का जिक्र किया गया है. कमेटी ने पाया कि दोनों अधिकारियों की आपसी लड़ाई और लापरवाही के कारण छात्राओं की सुरक्षा खतरे में है.
कलेक्टर के आदेश पर प्रधानाध्यापक और छात्रावास वार्डन को हटाया गया
रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने प्रधानाध्यापक प्रेमलाल अहिरवाल और छात्रावास वार्डन यशवंती महोबे दोनों को तत्काल प्रभाव से उनके वर्तमान पद से हटाने के आदेश जारी किये.
यह कहना है जिला शिक्षा केंद्र के प्रभारी अधिकारी का
जिला शिक्षा केंद्र प्रभारी अधिकारी मुकेश द्विवेदी ने पुष्टि करते हुए बताया कि जांच में पता चला है कि आपसी कलह के कारण छात्राओं को यात्रा करनी पड़ रही है. यह गंभीर मामला है जिसमें दो छात्राओं की जान को खतरा है. इसलिए पहली कार्रवाई के तौर पर दोनों को उनके पद से हटा दिया गया है.
आखिर लड़कियों की बोतलों में जहर किसने मिलाया, ये सवाल आज भी वहीं खड़ा है.
हालांकि, इस कार्रवाई से यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि छात्राओं को जहर किसने दिया। पुलिस इस मामले की अलग से जांच भी कर रही है ताकि मुख्य आरोपी का पता लगाया जा सके और उसके इरादों का खुलासा किया जा सके. फिलहाल दोनों बच्चियां अस्पताल में हैं और उनकी हालत पर नजर रखी जा रही है.
दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट



