भोपाल. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने मतदाता सूची एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) कार्यक्रम में बड़ी धांधली का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला है। भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर भाजपा एजेंट के रूप में काम करने का आरोप लगाया.
कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि मतदाता सूची से नाम हटाने और जोड़ने की प्रक्रिया को जटिल बनाकर नागरिकों को परेशान किया जा रहा है. पार्टी ने इस मुद्दे पर देशभर में अभियान चलाने और 25 नवंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने का ऐलान किया है.
चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल!
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि हर नागरिक का नाम वोटर लिस्ट में शामिल करना आयोग की जिम्मेदारी है. उन्होंने प्रक्रिया में बदलाव पर आपत्ति जताते हुए कहा कि अब नागरिकों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
डिजिटल युग में मतदाता सूची मशीन से पढ़ने योग्य होनी चाहिए। वोट चोरी हमारी नागरिकता पर भी प्रश्न चिन्ह है। जिस दिन चुनाव की घोषणा हो उसी दिन मतदाता सूची को फ्रीज कर दिया जाए, न तो नाम जोड़ा जाए और न ही हटाया जाए। -दिग्विजय सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को सीधे तौर पर ‘बीजेपी का एजेंट’ करार दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग राजनीतिक दलों के साथ बैठक नहीं कर रहा है और सुप्रीम कोर्ट की सलाह को भी नजरअंदाज कर रहा है. सिंघार ने यह भी दावा किया कि आरएसएस की शाखाओं में जाने वालों को बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) बनाया जा रहा है।
कांग्रेस की कार्ययोजना एवं हस्ताक्षर अभियान
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि पार्टी ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने ‘वोट चोरी’ के खिलाफ अभियान चलाया है, जिसका जवाब चुनाव आयोग के बजाय बीजेपी नेता दे रहे हैं.
पटवारी ने आंकड़े पेश करते हुए कहा, ”इस अभियान के तहत म.प्र 35 लाख 56 हजार 886 रु लोगों से हस्ताक्षर करा लिए गए हैं।” उन्होंने कहा कि पार्टी ने राज्य को 1,047 ब्लॉकों और उप-ब्लॉकों में विभाजित करके एसआईआर प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक मजबूत तंत्र बनाया है, जिसमें प्रत्येक विधानसभा में अधिवक्ताओं और बीएलए-1 और बीएलए-2 को नियुक्त किया गया है।
उन्होंने इसकी घोषणा की 25 नवंबर इस मुद्दे पर पार्टी के सभी सांसद और जन प्रतिनिधि दिल्ली के रामलीला मैदान में जुटेंगे और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे.
जमीनी स्तर पर अनियमितताओं का आरोप
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने जमीनी स्तर पर हो रही समस्याओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने दावा किया कि राज्य के 65 हजार बूथों पर बीएलओ तक गिनती की शीट नहीं पहुंची है और संबंधित ऐप भी ठीक से काम नहीं कर रहा है.
2024 तक नियम यह था कि नियमित कर्मचारियों को ही बीएलओ की ड्यूटी दी जाए। लेकिन 2025 में गाइडलाइन में बदलाव कर आउटसोर्स कर्मचारियों को भी बीएलओ बना दिया गया है. -सज्जन सिंह वर्मा, पूर्व मंत्री
वर्मा ने आरोप लगाया कि बीजेपी इस तरह की अनियमितताओं के जरिए लोकतंत्र को खत्म कर अपनी सरकार बनाना चाहती है. कांग्रेस नेताओं ने संयुक्त रूप से मांग की कि राजनीतिक दलों और मीडिया को इसके अंतिम प्रकाशन से पहले मतदाता सूची की जांच करने का अवसर दिया जाना चाहिए।



