भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में नगर निगम कर्मचारी वेतन कटौती के विरोध में लामबंद हो गए हैं. कर्मचारियों ने काम बंद कर हड़ताल शुरू कर दी है, जिससे शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमराने की आशंका है. अगर हड़ताल जारी रही तो निश्चित तौर पर जगह-जगह कूड़ा-कचरा जमा होने से आम नागरिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
यह आंदोलन ‘मध्यप्रदेश शासकीय वाहन चालक मैकेनिक कर्मचारी संघ’ के बैनर तले किया जा रहा है. यूनियन ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक हड़ताल जारी रहेगी.
30 दिन काम, 15 दिन वेतन क्यों?
हड़ताली कर्मचारियों ने नगर निगम प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि उनसे पूरे 30 दिन काम कराया जा रहा है, लेकिन वेतन सिर्फ 15 दिन का ही दिया जा रहा है. इस अनुचित कटौती से कर्मचारियों में भारी रोष है।
कर्मचारियों के मुताबिक यह उनके श्रम का अपमान है और इस तरह की वेतन कटौती किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जाएगी. उन्होंने साफ कर दिया है कि जब तक यह फैसला वापस नहीं लिया जाता और उन्हें पूरे काम का पूरा वेतन नहीं मिलता, वह काम पर नहीं लौटेंगे.
गौर करने वाली बात यह है कि सफाई कर्मचारियों की इस हड़ताल का सीधा असर भोपाल की सड़कों पर दिखाई देगा. अगर हड़ताल जारी रही तो शहर के मुख्य इलाकों से लेकर कॉलोनियों तक जगह-जगह कूड़ा जमा होने की आशंका है, जिससे दुर्गंध तो फैलेगी ही, साथ ही संक्रामक बीमारियों का भी खतरा पैदा हो जाएगा।
इस हड़ताल से भोपाल की स्वच्छता रैंकिंग पर बुरा असर पड़ने की आशंका है. फिलहाल कर्मचारियों और नगर निगम प्रशासन के बीच गतिरोध बना हुआ है और बातचीत की कोई पहल नहीं हो सकी है.
भोपाल से जीतेन्द्र यादव की रिपोर्ट



