आज के दौर में जब लोग हादसों में मदद करने से पहले वीडियो बनाना जरूरी समझते हैं, ऐसे में नीमच में एक अधिकारी ने ऐसा काम किया, जिसने हर किसी का दिल जीत लिया है. वैसे तो मध्य प्रदेश का यह जिला किसी न किसी वजह से हमेशा सुर्खियों में रहता है, लेकिन आज का नजारा अपने आप में काफी अलग और प्रेरणादायक था. आज के दौर में जो लोग इंसानियत भूल चुके हैं उन्हें भी इससे सीख लेने की जरूरत है। आपको बता दें कि अब ये मामला लोगों और सोशल मीडिया के बीच तेजी से वायरल हो गया है. आइए यहां विस्तार से पढ़ें पूरा मामला…
दरअसल, शुक्रवार दोपहर राजेश्वर कॉलोनी की सड़क पर एक बुजुर्ग अचानक बेहोश होकर गिर पड़े। आसपास भीड़ जमा हो गई, लेकिन किसी ने मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाया। तभी वहां से गुजर रहे एंटी करप्शन ब्यूरो डायरेक्टर श्रीपाल बघेरवाल ने बिना एक पल भी बर्बाद किए बुजुर्ग को जिंदगी की डोर थमाई।
सड़क पर गिरते ही मेरी सांसें थम गईं
स्थानीय लोगों के मुताबिक, 65 साल का एक बुजुर्ग सड़क किनारे चल रहा था, तभी अचानक उसे दिल का दौरा पड़ा और वह गिर पड़ा. कुछ ही सेकंड में उसकी सांसें थम गईं और चेहरा नीला पड़ने लगा. भीड़ में मौजूद लोग मोबाइल फोन से वीडियो बना रहे थे, कुछ लोग एंबुलेंस बुलाने की बात कर रहे थे, लेकिन कोई पास जाने की हिम्मत नहीं कर रहा था. इसी दौरान वहां से अपनी कार से गुजर रहे एंटी करप्शन डायरेक्टर श्रीपाल बघेरवाल ने स्थिति देखकर तुरंत कार रोकी। उन्होंने बिना समय बर्बाद किए बुजुर्ग को सीधा किया और सीपीआर देना शुरू कर दिया. करीब दो मिनट तक लगातार छाती पर दबाव और मुंह से सांस देते रहे। धीरे-धीरे बूढ़ा फिर से सांस लेने लगा, उसका शरीर हिलने लगा और उसका दिल फिर से धड़कने लगा।
लोगों ने तालियां बजाईं
बघेरवाल ने जैसे ही देखा कि बुजुर्ग की हालत में सुधार हो रहा है तो उन्होंने लोगों की मदद ली और उन्हें पास के अस्पताल ले गए. आपको बता दें कि इस दौरान उन्होंने किसी को अपना परिचय भी नहीं दिया और चुपचाप आगे बढ़ गए. इसके बाद यह घटना नीमच शहर में चर्चा का विषय बन गई है. स्थानीय लोगों ने कहा कि आज के समय में बहुत कम ऐसे अधिकारी हैं जो बिना प्रचार के इस तरह का काम कर सकें. फिलहाल अस्पताल से खबर मिली है कि बुजुर्ग की हालत अब स्थिर है.
नीमच,कमलेश सारडा



