ग्वालियर: ग्वालियर किडनैपिंग: ग्वालियर के मोहनपुर में शनिवार दोपहर अपने घर के आंगन से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुए तीन साल के मासूम रितेश का छह दिन बाद भी कोई सुराग नहीं है। पुलिस ने 20 टीमें बनाकर 500 से ज्यादा जवानों और अफसरों को जंगलों से लेकर नदी-नालों तक सर्चिंग में लगाया है. पुलिस की जांच अब पूरी तरह से लापता बच्चे के परिवार पर टिकी हुई है। आशंका जताई जा रही है कि बच्चे के गायब होने का कारण माता-पिता के बीच विवाद या किसी तीसरे व्यक्ति का प्रवेश हो सकता है।
छह दिन से नहीं मिला रितेश का कोई सुराग (Gwalilor missing child Case)
पुलिस ने पिछले दो दिनों में बच्चे की मां, पिता, मामा और मौसी से कड़ी पूछताछ की है. इस बीच यह बात भी सामने आई है कि मंगलवार शाम को बच्चे के मामा को किसी देवता का ‘दर्शन’ आया था, इस दौरान उन्होंने बताया था कि बच्चा 24 घंटे के अंदर मिल जाएगा. अब पुलिस 24 घंटे का इंतजार कर रही है. इसके बाद पुलिस चाचा को निगरानी में ले सकती है। आईजी ग्वालियर रेंज अरविंद कुमार सक्सेना के मुताबिक, जिस जगह से बच्चा संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुआ, वहां से तीन दिशाओं में घना जंगल है और एक दिशा में करीब 100 मीटर की दूरी पर बायपास है, जो 200 मीटर आगे जाकर ग्वालियर-झांसी हाईवे से जुड़ता है. तीन तरफ से सड़क बंद होने के कारण वहां आम लोगों की आवाजाही नहीं हो रही है. लापता बच्चा महज तीन साल का है, इसलिए वह अकेले ज्यादा दूर तक नहीं जा सकता. अगर वह चला गया तो उसका लौटना संभव नहीं था.
अपहरण की आशंका (रितेश लापता लड़का)
ग्वालियर अपहरण: पुलिस को आशंका है कि अगर यह अपहरण है तो अपहरणकर्ता घर के पास ही घात लगाए बैठा था. वहीं, अगर ये हादसा है तो पुलिस लगातार जंगल और आसपास के इलाकों में सर्चिंग कर रही है. पुलिस ने सर्च ऑपरेशन में अब तक 500 से ज्यादा जवानों और अधिकारियों को तैनात किया है. आईजी ग्वालियर अरविंद सक्सेना का कहना है कि पुलिस ने इस मामले को चुनौती के रूप में लिया है. जंगल में लगातार सर्चिंग चल रही है और बच्चे के परिजनों पर भी नजर रखी जा रही है. हमारा लक्ष्य किसी भी कीमत पर बच्चे को सुरक्षित वापस लाना है.



