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रांची/डेस्क: आईएएस विनय चौबे के हज़ारीबाग डीसी रहने के दौरान वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री और अवैध म्यूटेशन से जुड़े मामले में मुख्य आरोपी विनय सिंह को हज़ारीबाग़ एसीबी की विशेष अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कर दिया कि अगर उन्हें जमानत दी गई तो वह एसीबी जांच को प्रभावित कर सकते हैं.
कोर्ट ने सात पेज के आदेश में कहा कि सरकारी जमीन का निजी हस्तांतरण गंभीर मामला है और इससे सरकार को भारी नुकसान होता है. आपको बता दें कि सोमवार 3 नवंबर को कोर्ट ने विनय सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
एसीबी के मुताबिक इस मामले में आईएएस विनय चौबे के करीबी ऑटोमोबाइल कारोबारी विनय सिंह और उनकी पत्नी स्निग्धा सिंह नामजद आरोपी हैं. जिस जमीन को लेकर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है, वह जमीन इन दोनों के नाम पर है. यह जमीन हज़ारीबाग के सदर अंचल के थाना संख्या 252 में स्थित है. खाता नंबर 95 के प्लॉट 1055, 1060 और 848 का कुल रकबा 28 डिसमिल है, जबकि खाता नंबर 73 के प्लॉट 812 का रकबा 72 डिसमिल है. यह जमीन सदर अंचल के बभनवे मौजा के हल्का 11 में स्थित है.
जांच में पता चला है कि उक्त खाते का प्लॉट विनय सिंह और उनकी पत्नी के कब्जे में है और वर्तमान में उस पर नेक्सजेन शोरूम का संचालन किया जा रहा है. इसके अलावा इन खाता प्लॉटों में अलग-अलग लोगों के नाम पर कुल 20 से अधिक म्यूटेशन किये गये हैं, जो विनय चौबे के डीसी रहते हुए हुए थे.
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