Bihar Election 2025: बिहार एनडीए में सीट बंटवारे के बाद असंतोष खुलकर सामने आ गया है. एक ओर उपेंद्र कुशवाहा नाराज होकर बीच रास्ते से ही सासाराम लौट आए और भाजपा संग तय सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए, वहीं जीतनराम मांझी ने लोजपा (रा) प्रमुख चिराग पासवान को कड़ी चेतावनी देते हुए गठबंधन के भीतर नई हलचल पैदा कर दी है. सीटों को लेकर घटक दलों में बढ़ती खींचतान चुनावी तालमेल के लिए भाजपा के सामने नई मुश्किलें खड़ी कर रही है.
सीट बंटवारे पर उपेंद्र की नाराजगी खुलकर आई सामने
मंगलवार को राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी खुलकर सामने आ गई. महुआ और दिनारा सीटों को लेकर स्थिति स्पष्ट न होने से वह सासाराम जाते समय बीच रास्ते से ही लौट आए. सूत्रों के मुताबिक रालोमो को सासाराम, महुआ, दिनारा, बाजपट्टी, मधुबनी और उजियारपुर सीटें मिलने की संभावना थी. सासाराम से उपेंद्र की पत्नी स्नेहलता और महुआ से उनके बेटे के चुनाव लड़ने की चर्चाएं भी जोरों पर थीं. इसी सिलसिले में वह कार्यकर्ताओं से मिलने सासाराम जा रहे थे, लेकिन जैसे ही उन्हें सूचना मिली कि इन तीन सीटों पर अन्य एनडीए दलों ने भी दावा ठोक दिया है, उन्होंने यात्रा बीच में ही रोक दी.
बीजेपी से दूरी, साझा कार्यक्रम रद्द
नाराज उपेंद्र कुशवाहा ने केवल सासाराम का दौरा ही नहीं टाला, बल्कि भाजपा के साथ तय सभी साझा कार्यक्रमों को भी स्थगित कर दिया. उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे भाजपा प्रत्याशियों के नामांकन या सभाओं में शामिल न हों. इस कदम ने एनडीए के भीतर हलचल मचा दी है. माना जा रहा है कि रालोमो अब अपने प्रत्याशियों की घोषणा जल्द ही कर सकती है, जिससे स्थिति और जटिल हो सकती है.
हम ने अपने छह उम्मीदवारों की घोषणा की, मांझी का तेवर चढ़ा
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने अपने कोटे की सभी छह सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. बाराचट्टी से ज्योति देवी, इमामगंज से बहू दीपा मांझी, टिकारी से अनिल कुमार, अतरी से रोमित कुमार, सिकंदरा से प्रफुल्ल मांझी और कुटुंबा से ललन राम को टिकट दिया गया. मांझी ने यह संदेश साफ कर दिया कि उनकी पार्टी सीटों पर अपना दावा स्पष्ट रूप से तय कर चुकी है और किसी भी प्रकार की दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
चिराग को मांझी की सख्त चेतावनी
मांझी ने अपने गांव महकार में प्रत्याशियों को सिंबल देने के बाद चेतावनी दी कि अगर लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान गठबंधन के अन्य दलों की सीटों से अपने उम्मीदवार नहीं हटाते हैं, तो हम पार्टी मखदुमपुर और बोधगया सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी. यह बयान एनडीए के भीतर चिराग और मांझी के बीच संभावित टकराव की जमीन तैयार करता दिख रहा है.
चुनाव से पहले ही दरारें गहराईं
बिहार एनडीए में सीटों को लेकर असंतोष अब अलग-अलग बयानों और कार्रवाइयों के रूप में सामने आ रहा है. एक तरफ उपेंद्र कुशवाहा भाजपा के साथ दूरी बनाते दिख रहे हैं, तो दूसरी ओर मांझी और चिराग में तनातनी के संकेत हैं. सीटों पर ओवरलैपिंग दावों ने गठबंधन के भीतर अविश्वास को बढ़ा दिया है. यह स्थिति चुनावी रणनीति और सीट तालमेल के लिहाज से भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है.
राजनीतिक संदेश स्पष्ट: गठबंधन में हर दल अपने हित साधने में जुटा
एनडीए के इन आंतरिक झगड़ों से यह साफ झलकता है कि हर घटक दल अपने-अपने राजनीतिक हित साधने में जुट गया है. उपेंद्र कुशवाहा अपने परिवार की राजनीतिक पकड़ को मजबूत करने की कोशिश में हैं, मांझी अपनी पार्टी की स्वायत्तता को लेकर सख्त रुख दिखा रहे हैं और चिराग पासवान अपनी सीटों की रणनीति पर पीछे हटने को तैयार नहीं दिखते. ऐसे में, भाजपा के लिए सभी घटकों को एक मंच पर लाना और चुनाव से पहले मतभेदों को सुलझाना बड़ी चुनौती बन गया है.
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