न्यूज11भारत
रांची/डेस्क: जेल से कैदियों की अय्याशी के वायरल वीडियो पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि वायरल वीडियो किसी बार या डांस बार का नहीं, बल्कि रांची होटवार सेंट्रल जेल का है. कहा कि लालू यादव और हेमंत सोरेन जैसे भ्रष्टाचार के आरोपी कैदी के रूप में इस जेल की शोभा बढ़ा चुके हैं.
उन्होंने कहा कि जेल में रसूखदार कैदियों के लिए अलग-अलग नियम हैं. क्योंकि जेल में रसूखदार कैदियों को पैसे के दम पर हर तरह की सुविधाएं मिलती हैं. प्रभावशाली कैदियों के लिए जेल में कई विशेष वार्ड हैं, इन वार्डों में रहने के लिए प्रवेश शुल्क देना पड़ता है। हर महीने एक निश्चित रकम खर्च करनी होती है.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन के संरक्षण में जेल में बंद कुछ नामी कैदी जेल विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से जेल में ऐशो-आराम और अय्याशी का पूरा तंत्र चलाते हैं. पैसे लेकर हर तरह का काम किया जाता है, जो जेल मैनुअल का उल्लंघन है.
कहा कि इन गतिविधियों को लेकर उन्होंने कई बार सरकार को चेताया था, लेकिन जेल में अवैध गतिविधियां बंद नहीं हुईं, बल्कि वीआईपी कैदियों को ”विशेष आतिथ्य” देने से इनकार कर इन पर अंकुश लगाने की कोशिश करने वाले अधिकारी रॉबर्ट निशांत बेसरा का तबादला कर दिया गया.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस वीडियो के वायरल होने के बाद दो कर्मचारियों को निलंबित कर इसकी भरपाई कर दी गयी है. लेकिन बड़े आश्चर्य की बात है कि हज़ारीबाग जेल में बंद विनय सिंह को विशेष सुविधाएं देने के नाम पर बीस दिन पहले ही वहां से हटाये गये जेलर दिनेश वर्मा को एक तरह से इनाम देते हुए निलंबन मुक्त कर अब बिरसा मुंडा जेल का प्रभारी जेलर बना दिया गया है. चर्चा है कि इसके लिए वर्मा का भरपूर फायदा उठाया गया है।
उन्होंने कहा कि जेल आईजी से पूछा जाना चाहिए कि जिस व्यक्ति को हाल ही में हज़ारीबाग़ में गंभीर अनियमितताओं के आरोप में निलंबित किया गया था, उसने ऐसी कौन सी जादू की छड़ी का इस्तेमाल किया कि उसे तुरंत निलंबन से मुक्त कर बिरसा मुंडा जेल में पोस्टिंग का इनाम दिया गया? कहा कि जेल का यह गंदा खेल सिर्फ छोटे कर्मचारियों के लिए नहीं है। उच्च अधिकारियों की अनुमति, सहमति और भागीदारी के बिना ऐसा कैसे हो सकता है? इसके लिए सीधे तौर पर जेल आईजी जिम्मेदार हैं, इसलिए आईजी पर निलंबन की कार्रवाई होनी चाहिए.
बाबूलाल ने कहा कि आईजी को बताना चाहिए कि वह किसके आदेश पर जेल में यह सब कारोबार करवा रहे थे? शराब घोटाले में जिस हाईप्रोफाइल कैदी की जेल में डांस करने और वीडियो बनाने की तस्वीर वायरल हुई है, वह वही शख्स है जिसे समय पर आरोप पत्र दाखिल नहीं कर जमानत पर रिहा कराने में एसीबी सह सीआईडी के पूर्व डीजीपी ने मदद की थी और जेल आईजी ही सीआईडी के आईजी भी हैं.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ऐसा लगता है कि ये सभी लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर यह गोरखधंधा चला रहे हैं. उन्होंने माननीय उच्च न्यायालय से झारखंड की जेलों में हो रही अवैध गतिविधियों पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया. कहा कि हाई कोर्ट के सिटिंग जज के नेतृत्व में ”जेल में चल रहे खेल” और उच्च अधिकारियों की संलिप्तता और उनकी मनमानी कार्रवाई की जांच करायी जानी चाहिए ताकि लोगों को पता चल सके कि वास्तव में क्या हो रहा है?
ये भी पढ़ें- बिहार चुनाव वोटिंग LIVE: पहले चरण की 121 सीटों पर वोटिंग जारी, शाम 5 बजे तक 60.13 फीसदी वोटिंग



