सड़क सुरक्षा को लेकर मध्य प्रदेश (MP) सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में अब बाइक पर पीछे बैठने वाले के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। गुरुवार से शुरू हुई इस नई व्यवस्था के तहत अगर बाइक पर पीछे बैठा व्यक्ति बिना हेलमेट के पाया गया तो पुलिस 300 रुपये का चालान काटेगी.
पहले यह नियम सिर्फ ड्राइवर पर लागू होता था, लेकिन अब पीछे बैठने वाला भी जुर्माने से नहीं बच पाएगा। सड़क दुर्घटनाओं में सिर पर चोट लगने से होने वाली मौतों को रोकने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है।
दोनों के लिए हेलमेट पहनना क्यों जरूरी हो गया?
राज्य पुलिस और परिवहन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि सड़क दुर्घटनाओं में 70% मौतें सिर की चोटों के कारण होती हैं। ज्यादातर मामलों में पीछे बैठा व्यक्ति बिना हेलमेट के होता है, जिससे उसकी जान को ज्यादा खतरा रहता है। इसलिए अब सरकार ने साफ कर दिया है कि बाइक पर दोनों सवारों को हेलमेट पहनना अनिवार्य है. मोटर व्हीकल एक्ट में यह नियम पहले से मौजूद था, लेकिन अब इसे सख्ती से लागू करने का फैसला किया गया है. अधिकारियों का कहना है कि सड़क सुरक्षा न सिर्फ पुलिस की जिम्मेदारी है बल्कि जनता की जागरूकता पर भी निर्भर करती है. इसलिए ये नियम सिर्फ सजा देने के लिए नहीं बल्कि लोगों की जान बचाने के लिए बनाया गया है.
पहले चरण में इन पांच शहरों में लागू हुआ नया नियम
पहले चरण में यह नियम मध्य प्रदेश के पांच प्रमुख शहरों में लागू किया गया है. इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन। इन शहरों में ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त टीम ने अभियान शुरू कर दिया है. जगह-जगह चेकिंग प्वाइंट बनाए गए हैं और बिना हेलमेट वाहन चलाने वालों के खिलाफ चालान की कार्रवाई की जा रही है. दूसरे चरण में इसे पूरे राज्य में लागू किया जायेगा.
पेट्रोल पंपों पर भी सख्ती, बिना हेलमेट नहीं मिलेगा पेट्रोल
इससे पहले अगस्त महीने में इंदौर में आदेश जारी किया गया था कि बिना हेलमेट के पेट्रोल नहीं मिलेगा, हालांकि बाद में इसे वापस ले लिया गया था. अब नए नियमों के साथ यह व्यवस्था फिर से लागू हो सकती है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अगर लोग स्वेच्छा से नियमों का पालन नहीं करेंगे तो ऐसे कदम उठाने होंगे, जिससे सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैल सके.
यदि हेलमेट नहीं पहना तो चालान की कार्रवाई की जाएगी
इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में पुलिस प्रशासन ने साफ कर दिया है कि नियम तोड़ने वालों को कोई छूट नहीं दी जाएगी. पहली बार पकड़े जाने पर ₹300 का चालान। बार-बार उल्लंघन करने पर चालान की रकम बढ़ सकती है. बार-बार अपराध करने पर लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है। यह कार्रवाई सिर्फ सजा देने के लिए नहीं है, बल्कि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है.’
लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने की जरूरत है
राज्य सरकार और ट्रैफिक विभाग ने साफ कर दिया है कि इस नियम का मकसद सिर्फ जुर्माना वसूलना नहीं है बल्कि लोगों में ट्रैफिक अनुशासन और सुरक्षा की भावना पैदा करना है. इसके लिए स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता अभियान, सड़क सुरक्षा सप्ताह और सोशल मीडिया के जरिए संदेश फैलाने की योजना बनाई गई है. सरकार चाहती है कि लोग हेलमेट को आदत नहीं, बल्कि जरूरत समझें।
सड़क दुर्घटना के आँकड़े
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 1.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इनमें से लगभग 40% लोग दोपहिया वाहन चालक या सवार हैं। इन मौतों का सबसे बड़ा कारण सिर पर चोट लगना है। मध्य प्रदेश में भी पिछले पांच सालों में दोपहिया वाहन चालकों की मौत में लगातार बढ़ोतरी हुई है. यही वजह है कि अब सरकार इसे लेकर सख्ती दिखा रही है.



