लखनऊ, लोकजनता: बारिश थमने और ठंड बढ़ने के साथ ही शहर में मच्छरों का प्रकोप तेज हो गया है. शाम होते ही मच्छरों का झुंड लोगों को परेशान कर रहा है। घरों से लेकर पार्कों और सार्वजनिक स्थानों तक मच्छरों का आतंक इस कदर है कि लोगों का घूमना-फिरना मुश्किल हो गया है. नगर निगम की ओर से न तो सफाई अभियान चलाया जा रहा है और न ही झाड़ियां काटी जा रही हैं।
नगर निगम जोन-8 के वृन्दावन योजना क्षेत्र में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है। लायन एनवायरो कंपनी की लापरवाही के कारण नागरिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. खाली प्लाटों में उगी झाड़ियों, बंद नालियों और गंदगी से भरे तालाबों में मच्छर तेजी से पनप रहे हैं। इससे मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
अभियान के नाम पर खानापूर्ति
स्वास्थ्य विभाग हर साल अक्टूबर में संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान चलाकर मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम का प्रयास करता है। अभियान के तहत लोगों को जागरूक करने के साथ ही जलभराव वाले क्षेत्रों में फॉगिंग और एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जाए। इसके अलावा नालों और खाली प्लॉटों की सफाई भी की जाती है। लेकिन हकीकत तो यह है कि यह अभियान ज्यादातर कागजी और जमीन पर नाममात्र का नजर आता है।
जलजमाव वाले क्षेत्रों में एंटी लार्वा का छिड़काव बंद कर दिया गया
डेंगू का लार्वा रुके हुए पानी में पनपता है। तालाबों, घर के गमलों, कूलरों, टायरों और नांदों में जमा पानी इसका मुख्य स्रोत बनता है। इन स्थानों पर नियमित रूप से एंटी लार्वा का छिड़काव कराना नगर निगम की जिम्मेदारी है। लेकिन कुछ चुनिंदा इलाकों को छोड़कर पूरे शहर में यह अभियान पूरी तरह से ठप है. नतीजा यह है कि मच्छरों के आतंक के साथ-साथ बीमारियों का खतरा भी लगातार बढ़ता जा रहा है।



