ग्वालियर समाचार:ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही उजागर हुई है. जिले में चल रही 108 और जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस सेवाओं की औचक जांच के दौरान कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। स्वास्थ्य विभाग की टीम, जिसमें सीएमएचओ की टीम भी शामिल थी, ने कुल 4 एम्बुलेंस का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान पाया गया कि दो एंबुलेंस में एक्सपायर्ड दवाएं मौजूद थीं, जो न केवल मरीजों की सुरक्षा के लिए खतरा था बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़ा कर रहा था.
निरीक्षण के दौरान मिली बड़ी खामियां
ग्वालियर समाचार: औचक निरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि एम्बुलेंस में सभी दवाएं, उपकरण और चिकित्सा आपूर्ति अच्छी स्थिति में हैं और आपातकालीन सेवाओं में कोई कमी नहीं है। लेकिन निरीक्षण के दौरान कई खामियां सामने आईं. कुछ एम्बुलेंस में चिकित्सा उपकरण पुराने और खराब स्थिति में पाए गए, जबकि कुछ में प्राथमिक उपचार के लिए आवश्यक दवाएं पूरी तरह से अनुपलब्ध थीं। खासकर दो एंबुलेंस में एक्सपायरी डेट की दवाएं मिलने से स्वास्थ्य विभाग की लचर निगरानी और लापरवाही उजागर हुई है.
कर्मचारियों को स्पष्ट प्रशिक्षण नहीं मिला
ग्वालियर समाचार: सीएमएचओ टीम ने निरीक्षण के दौरान एम्बुलेंस स्टाफ से भी बातचीत की और पाया कि स्टाफ को दवाओं और उपकरणों की नियमित जांच के लिए कोई स्पष्ट निर्देश या प्रशिक्षण नहीं मिला है। टीम ने कहा कि यह स्थिति आपातकालीन सेवाओं में मरीजों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है। टीम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट सौंप दी है और कहा है कि जल्द ही सुधारात्मक कार्रवाई की जाएगी.
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक ऐसी लापरवाही आम बात नहीं है, लेकिन नियमित निरीक्षण और मॉनिटरिंग के अभाव में ऐसे मामले सामने आते हैं. 108 और जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस सेवाएँ जिले के लोगों के लिए जीवनरक्षक साबित होती हैं, इसलिए इन सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
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