बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में कई हॉटस्पॉट सीटों पर मतदाताओं ने उत्साह दिखाया और रिकॉर्ड वोटिंग की. खासकर वो क्षेत्र जहां मजबूत नेता हैं अनंत सिंह, सूरजभान सिंह और रीतलाल यादव राजनीतिक प्रभाव वाला माना जाता है—वहाँ 5 बजे तक 60 फीसदी से ज्यादा वोटिंग रिकार्ड किये गये। यह उच्च मतदान आगामी परिणामों को बेहद दिलचस्प और प्रतिस्पर्धी बना सकता है।
60% से अधिक मतदान वाले प्रमुख क्षेत्र
पहले चरण में जिन सीटों पर मतदाताओं ने बड़ी संख्या में वोट डाले उनमें शामिल हैं-
| विधानसभा क्षेत्र | मतदान प्रतिशत (शाम 5 बजे तक) |
|---|---|
| मोकामा | 62.16% |
| बख्तियारपुर | 62.55% |
| फूलों का बगीचा | 62.14% |
| पालीगंज | 63.2% |
| विक्रम | 66.95% |
ये इलाके बड़े नेताओं के राजनीतिक गढ़ के तौर पर जाने जाते हैं. ज्यादा वोटिंग प्रतिशत से पता चलता है कि यहां मुकाबला कड़ा होने वाला है।
कम मतदान वाले शहरी क्षेत्र
कुछ शहरी और अर्ध-शहरी सीटों पर अपेक्षाकृत कम मतदान देखा गया-
| विधानसभा क्षेत्र | मतदान प्रतिशत |
|---|---|
| बाढ़ | 59.56% |
| पटना साहिब | 58.51% |
| फतुहा | 59.32% |
| दानापुर | 55.27% |
| मनेर | 58.52% |
| मसौदा | 59.91% |
| दीघा | 39.1% |
| पॉटर | 39.52% |
| बांकीपुर | 40% |
पटना के तीन प्रमुख शहरी इलाकों दीघा, कुम्हरार और बांकीपुर में 40 फीसदी से कम वोटिंग ने राजनीतिक दलों को चिंता में डाल दिया है.
अधिक मतदान का क्या मतलब है?
विशेषज्ञों के अनुसार-
- उच्च मतदान मतलब:
✅ प्रतिस्पर्धा कठिन
✅ मतदाता परिवर्तन या मजबूत नेतृत्व की तलाश में हैं
✅स्थानीय मुद्दों पर ध्यान बढ़ाना - कम मतदान का अर्थ:
✅ राजनीतिक दलों के लिए चुनौती
✅ कार्यकर्ताओं की कमी या मतदाताओं की उदासीनता
✅चुनावी रणनीतियों में सुधार की जरूरत
खासकर जिन सीटों पर 60-67 फीसदी वोटिंग हुई है, वहां नतीजे बेहद दिलचस्प हो सकते हैं और कई दिग्गज नेताओं के लिए यह चरण निर्णायक साबित हो सकता है.
मतदाताओं की सक्रिय भागीदारी
पहले चरण की रिपोर्ट से साफ है कि मतदाता लोकतांत्रिक प्रक्रिया में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. गांवों और कस्बों में उत्साह अधिक था, जबकि शहरी इलाकों में मतदान कम था। फिर भी कुल वोटिंग से पता चलता है कि जनता अपनी भूमिका से वाकिफ है.
अगले चरण देखें
पहले चरण के इन आंकड़ों ने आने वाले चरणों को लेकर उत्सुकता बढ़ा दी है.
राजनीतिक दल अब दूसरे और तीसरे चरण के लिए नई रणनीति बनाने में जुट गए हैं.
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