दक्षिण कोरिया की पहली परमाणु पनडुब्बी: कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव है, उत्तर कोरिया ने खुले तौर पर कहा है कि वह एक “स्थिर परमाणु राज्य” है। ऐसे माहौल में दक्षिण कोरिया कई सालों से एक ही सवाल पर अटका हुआ था कि क्या वह परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी बना सकता है? अब इस सवाल का जवाब हां है. अमेरिका ने हरी झंडी दे दी है. और यहीं से कहानी रोमांचक हो जाती है. पिछले हफ्ते, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि उन्होंने दक्षिण कोरिया की परमाणु पनडुब्बी योजना को “हरी झंडी” दे दी है। ट्रंप ने अपने प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा कि पनडुब्बी का निर्माण यहीं अमेरिका के फिलाडेल्फिया शिपयार्ड में किया जाएगा।
अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी तकनीक दुनिया की सबसे गुप्त और सुरक्षित तकनीकों में गिनी जाती है। हालाँकि, सियोल (दक्षिण कोरिया) ने अभी तक ट्रम्प के इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है कि पनडुब्बी का निर्माण कहाँ किया जाएगा।
दक्षिण कोरिया का दावा- ‘अपनी तकनीक से भी बनाया जा सकता है’
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी वोन चोंग-डे ने कैबिनेट बैठक में कहा कि देश के पास पनडुब्बी डिजाइन और निर्माण में विश्व स्तरीय क्षमता है। वोन चोंग-डे के मुताबिक, कोरिया ने कहा है कि अगर अमेरिका के साथ ईंधन डील फाइनल हो जाती है और हम 2025 के अंत तक निर्माण शुरू कर देते हैं, तो हम 2030 के मध्य या अंत तक पहली परमाणु पनडुब्बी लॉन्च कर सकते हैं। यानी दक्षिण कोरिया न सिर्फ इजाजत मांग रहा है, बल्कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में खुद को सक्षम भी बता रहा है.
दक्षिण कोरिया की पहली परमाणु पनडुब्बी: फिलाडेल्फिया शिपयार्ड पर प्रश्न
ट्रंप ने जिस फिलाडेल्फिया शिपयार्ड का जिक्र किया है, उसे दक्षिण कोरियाई कंपनी हनवा ओसियन चलाती है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि इस शिपयार्ड के पास अभी परमाणु पनडुब्बी बनाने की क्षमता नहीं है। यही वजह है कि पिछले अगस्त में हानवा ओसियन ने यहां 5 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की थी।
अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने भी कोरिया की जहाज निर्माण क्षमता की प्रशंसा करते हुए कहा कि दक्षिण कोरिया का जहाज निर्माण उद्योग उत्कृष्ट है, और हम आगे की साझेदारी के लिए तत्पर हैं।
परमाणु निरस्त्रीकरण? यह सपना है
यहां कहानी और दिलचस्प हो जाती है. 2019 में किम जोंग उन और ट्रम्प के बीच बैठक की विफलता के बाद उत्तर कोरिया ने खुद को “स्थिर परमाणु राज्य” बताया। रूस से नजदीकियां बढ़ाईं, यूक्रेन युद्ध में सेना भी भेजी और दक्षिण कोरिया की परमाणु निरस्त्रीकरण योजना को “पाइपड्रीम” यानी असंभव सपना बताया. दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री अहं ग्यु-बक ने दो टूक कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप का परमाणु निरस्त्रीकरण हमारी अटूट प्रतिबद्धता है। और दक्षिण कोरिया कभी भी परमाणु हथियार नहीं बनाएगा.
परमाणु पनडुब्बी क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
डीजल पनडुब्बियों को बार-बार सतह पर आना पड़ता है। परमाणु पनडुब्बियाँ महीनों तक पानी के नीचे रह सकती हैं। यानी अनदेखा, अनसुना लेकिन दुश्मन के लिए बेहद खतरनाक. उत्तर कोरिया के तेजी से बढ़ते हथियारों के बीच दक्षिण कोरिया के लिए यह कदम रणनीतिक रूप से बहुत बड़ा है.
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अमेरिका के सबसे बड़े शहर के ताकतवर मेयर ममदानी के गद्दी पर बैठते ही यह सत्ता उनके हाथ में आ जाएगी.



