पीएमआई: भारी बारिश और प्रतिस्पर्धा के कारण अक्टूबर 2025 में भारत के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर पांच महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है। एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) के अनुसार, अक्टूबर में सूचकांक घटकर 58.9 पर आ गया, जो सितंबर के 60.9 से कम है। यह गिरावट मई 2025 के बाद सेवा क्षेत्र में सबसे धीमी विस्तार दर को दर्शाती है।
PMI का क्या मतलब है?
परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) किसी भी क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों का माप है। इसमें 50 से ऊपर का स्तर विस्तार और 50 से नीचे का स्तर संकुचन को दर्शाता है. अक्टूबर के आंकड़ों में भले ही गिरावट आई हो, लेकिन 58.9 का स्तर अभी भी 50 के तटस्थ स्तर और 54.3 के दीर्घकालिक औसत से ऊपर है। इससे स्पष्ट है कि भारत का सेवा क्षेत्र अभी भी विकास के क्षेत्र में बना हुआ है।
भारी बारिश और प्रतिस्पर्धा बनी मुख्य वजह
एचएसबीसी इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, “अक्टूबर में सेवा क्षेत्र की वृद्धि धीमी होकर 58.9 पर आ गई, जो मई के बाद सबसे धीमी है। इस क्रमिक मंदी का मुख्य कारण भारी बारिश और बढ़ती प्रतिस्पर्धा है।” कई राज्यों में मानसून के बाद की बारिश ने सेवा क्षेत्र, विशेषकर लॉजिस्टिक्स, आतिथ्य और खुदरा सेवाओं को प्रभावित किया। साथ ही बाजार में प्रतिस्पर्धी दबाव के कारण कई कंपनियों की कमाई में गिरावट देखी गई।
अंतरराष्ट्रीय मांग में सुधार
हालाँकि घरेलू गतिविधियों में गिरावट देखी गई, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय माँग में सुधार हुआ। एचएसबीसी और एसएंडपी ग्लोबल द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, भारत की सेवा निर्यात बिक्री में वृद्धि जारी रही। यह मार्च के बाद सबसे धीमी गति थी। इससे पता चलता है कि वैश्विक स्तर पर भारतीय सेवाओं की मांग स्थिर बनी हुई है।
कंपनियां भविष्य को लेकर आश्वस्त हैं
सर्वेक्षण में शामिल लगभग 400 सेवा कंपनियों में से अधिकांश ने कहा कि उन्हें आने वाले 12 महीनों में कारोबार में वृद्धि की उम्मीद है। उन्हें जीएसटी में राहत और मांग बढ़ने से परिचालन स्थितियों में सुधार की संभावना दिख रही है.
कंपोजिट पीएमआई में भी गिरावट आई
सेवा क्षेत्र में मंदी का असर भारत के समग्र पीएमआई पर भी दिखा. सितंबर में यह सूचकांक जहां 61 था. वहीं, अक्टूबर में यह घटकर 60.4 पर आ गया। विनिर्माण क्षेत्र में मामूली मजबूती दिखी, लेकिन सेवा क्षेत्र में मंदी ने समग्र विकास को धीमा कर दिया।
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सेवा क्षेत्र में धीमा विस्तार
भारतीय सेवा क्षेत्र इस समय धीमी गति से विस्तार कर रहा है। भारी बारिश और प्रतिस्पर्धी दबाव का अस्थायी प्रभाव पड़ा है, लेकिन आने वाले महीनों में वैश्विक बाजार में मजबूत मांग और स्थिरता में सुधार की उम्मीद है। यदि स्थितियां अनुकूल रहीं तो वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में सेवा क्षेत्र फिर से रफ्तार पकड़ सकता है।
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