बरेली, लोकजनता। जिले के सभी 3499 बूथों पर विशेष गहन समीक्षा (एसआइआर) का काम तेजी से शुरू हो गया है. एडीएम सिटी सौरभ दुबे, एसडीएम बहेड़ी, एसडीएम मीरगंज, एसडीएम फरीदपुर, तहसीलदार सदर आदि अधिकारी बीएलओ के साथ घर-घर जाकर मतगणना फार्म बांट रहे हैं। मंगलवार से शुरू हुए इस कार्य के तहत अब तक कई हजार फार्म मतदाताओं को बांटे जा चुके हैं।
उप जिला निर्वाचन पदाधिकारी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर सभी 3499 बूथों पर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण का कार्य 4 नवंबर से शुरू हो गया है. वितरण के बाद बूथ लेवल अधिकारी घर-घर जाकर मतदाताओं से मतगणना फार्म की भरी हुई प्रति लेंगे। जिसकी एक प्रति आवेदक को पावती के रूप में दी जाएगी।
विशेष सघन जांच का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में शामिल हों। लंबे समय तक लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रवास करते हैं या जब उनकी बेटियों की शादी हो जाती है, तो वे कहीं और चले जाते हैं। कुछ मतदाताओं की मृत्यु हो जाती है, ऐसे लोगों के नाम मतदाता सूची में शामिल रहते हैं, जहां वे वर्तमान निवासी हैं और जहां वे पूर्व निवासी हैं। ऐसे लोगों का सर्वे कराया जा रहा है और उनका नाम मतदाता सूची में एक ही स्थान पर रहे इसके लिए गहन पुनरीक्षण किया जा रहा है।
अधिकारियों ने घर-घर दस्तक दी
अभियान के तहत बुधवार को एडीएम सिटी सौरभ दुबे ने विधानसभा क्षेत्र कैंट-125 के बूथ नंबर 45 में फॉर्म बांटे। बहेड़ी में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट इशिता किशोर ने बुजुर्ग महिला राधा देवी को फॉर्म सौंपा। प्राथमिक विद्यालय सियाथेरी के कमरा नंबर दो के बूथ के बीएलओ विक्रम सिंह, सुपरवाइजर देव ने फार्म बांटे। लेखराज गंगवार, देवेन्द्र गंगवार, त्रिलोक चंद्र, दिनेश कुमार, वेद प्रकाश, प्रमोद कुमार, हरीश गंगवार, रोहित गंगवार, महेंद्र कश्यप व भोलानाथ गंगवार आदि मौजूद रहे। गांव खिजरपुर में फार्म वितरित किये गये। भदपुरा की ग्राम पंचायत मरगापुर मरगैया में उप जिलाधिकारी निधि शुक्ला ने फार्म वितरित किये। एसडीएम फरीदपुर ने बीएलओ के साथ फार्म बांटे।
यदि आपका नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं है, तो कृपया ये दस्तावेज़ प्रदान करें।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि जिन लोगों का नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं है, वे मतगणना प्रपत्र के साथ निम्नलिखित में से कोई भी दस्तावेज उपलब्ध करा सकते हैं। इसमें केंद्र, राज्य और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के नियमित कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के पहचान पत्र और पेंशन भुगतान आदेश, 1 जुलाई 1987 से पहले सरकार, स्थानीय अधिकारियों, बैंकों, डाकघर, एलआईसी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा जारी कोई भी पहचान पत्र और प्रमाण पत्र रिकॉर्ड, मान्यता प्राप्त बोर्ड और विश्वविद्यालयों द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, मैट्रिक और शैक्षणिक प्रमाण पत्र, स्थायी निवास प्रमाण पत्र, वन अधिकार प्रमाण पत्र, ओबीसी, एससी और एसटी या किसी भी जाति प्रमाण पत्र, नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर (जहां आयोग के निर्देश 9 सितंबर को परिवार के लिए जारी किए गए हैं) शामिल हैं। राज्य या स्थानीय अधिकारियों द्वारा तैयार रजिस्टर, भूमि और घर आवंटन प्रमाण पत्र, आधार लागू होगा।



