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रांची/डेस्क: प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की मुहिम लगातार जोर पकड़ रही है. शराब घोटाला, हज़ारीबाग़ ज़मीन घोटाला और कई अन्य हाई-प्रोफ़ाइल मामलों में कार्रवाई के बाद अब एसीबी ने रांची के पूर्व डीसी और वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत आईएएस अधिकारी राय महिमापत रे के खिलाफ प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की है.
वित्तीय अनियमितता से जुड़े मामले की प्रारंभिक जांच शुरू हो गई है
एसीबी ने इस जांच के लिए राज्य सरकार से पूर्व अनुमति मांगी थी, जो हाल ही में मिली है. अनुमति मिलने के बाद जांच एजेंसी ने राय महिमापत रे के खिलाफ वित्तीय अनियमितता से जुड़े मामले में प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी कई नए खुलासे होने की संभावना है.
राय महिमापत विश्व बैंक में वरिष्ठ डिजिटल विकास विशेषज्ञ के पद पर कार्यरत हैं।
आपको बता दें कि राय महिमापत रे 2011 बैच के झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. उन्होंने फरवरी 2018 से जुलाई 2020 तक रांची के डीसी के रूप में कार्य किया। वर्तमान में वह विश्व बैंक में वरिष्ठ डिजिटल विकास विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत हैं।
पीई दर्ज होने के बाद राय महिमापत रे की मुश्किलें बढ़ सकती हैं
सूत्रों का कहना है कि पीई दर्ज होने के बाद राय महिमापत रे की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. इसका एक बड़ा कारण यह है कि एसीबी इस साल अब तक भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में तीन आईएएस अधिकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है, जिनमें राज्य के वरिष्ठ अधिकारी विनय चौबे भी शामिल हैं.
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