पिछले 6 माह में दस छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई
जमशेदपुर (ब्रजेश सिंह):
हाल के दिनों में मालगाड़ियों के पटरी से उतरने की घटनाएं बढ़ी हैं. अकेले दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर रेल मंडल में महज 6 महीने में दस ट्रेन पटरी से उतरने और दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। इसे रोकने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किये गये हैं. इसके लिए कई कारण हैं। हर घटना के बाद रेलवे अधिकारी दावा करते हैं कि रेल दुर्घटनाओं पर काबू पा लिया जाएगा. इसे लेकर जांच होगी, लेकिन पिछले छह माह में ऐसे मामले में कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है. हादसे को रोकने के लिए रेलवे की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. शायद रेलवे किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है. हालात का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि महज 6 महीने में दस छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जो चिंता बढ़ाती हैं.
मालगाड़ी की स्पीड बढ़ाने, पैसेंजर ट्रेन रोककर मालगाड़ी चलाने का आरोप.
हाल के दिनों में ट्रेनों की लेटलतीफी की शिकायतें बढ़ी हैं. मालगाड़ियों की गति बढ़ाने से भी दुर्घटनाएं हुई हैं। खासकर मालगाड़ियों को पास कराने की होड़ और समय पर निर्भर मालगाड़ियों की आवाजाही के कारण दिक्कतें बढ़ रही हैं और लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं.
दोषियों पर रेलवे कर रहा कार्रवाई, कारणों की हो रही जांच : सीनियर डीसीएम
दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम आदित्य चौधरी ने कहा कि रेलवे सभी दुर्घटनाओं की अपने स्तर से जांच कराता है. उस पर कार्रवाई भी होती है. क्विक रिस्पांस टीम का गठन किया गया है. कई कर्मचारियों के खिलाफ जिम्मेदारी तय की गई है और कार्रवाई भी की गई है. आगे की जांच जारी है. जहां सुधार की गुंजाइश है, वहां कदम उठाया जा रहा है और कार्रवाई भी की जा रही है.
कब-कब हुए हादसे?
10 जून – गुंडा विहार में मालगाड़ी पटरी से उतरी, चांडिल स्टेशन पर कई ट्रेनें फंसी रहीं। 12 जुलाई : चक्रधरपुर रेल मंडल के बीरमित्रपुर में मालगाड़ी की एक बोगी पटरी से उतर गयी. 17 जुलाई- मुर्गा महादेव के पास मालगाड़ी की बोगी पटरी से उतर गई, जिसमें पुरी-बारबिल समेत कई ट्रेनें फंस गईं. एक ही मालगाड़ी दो बार दुर्घटनाग्रस्त हुई।9 अगस्त- आद्रा रेल मंडल के चांडिल के पास मालगाड़ी दुर्घटना के कारण चक्रधरपुर-आद्रा और खड़गपुर रेल मंडल से गुजरने वाली कई ट्रेनें रद्द कर दी गईं.
22 अगस्त – चांडिल-पुरुलिया रेलवे लाइन पर मालगाड़ी की कपलिंग टूट गयी, मालगाड़ी दो हिस्सों में बंट गयी. वंदे भारत लगभग हादसे का शिकार होते-होते बच गया था.
28 अगस्त- चक्रधरपुर रेल मंडल के बंडामुंडा केपी केबिन के पास मालगाड़ी के दो डिब्बे पटरी से उतर गये. ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ.
5 सितंबर – चाईबासा जिले के चक्रधरपुर रेल मंडल के मनोहरपुर स्टेशन के पास एक बैंकिंग डीजल इंजन ने यार्ड की लाइन नंबर 7 पर खड़ी पांच बोगियों को टक्कर मार दी, जिससे ट्रैक मैनेजर घायल हो गये.
4 अक्टूबर- आसनबनी-गोविंदपुर के बीच मालगाड़ी फंसी. बताया गया कि वजन अधिक होने के कारण मालगाड़ी भार नहीं ले जा सकी, जिससे कई ट्रेनों का परिचालन बाधित हुआ.
24 अक्टूबर- जरुली के पास मालगाड़ी की एक बोगी पटरी से उतर गई. जिससे ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ.
29 अक्टूबर- हटिया-राउरकेला रेलखंड के कनारोवन स्टेशन के पास मालगाड़ी पटरी से उतर गयी. कई ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ.
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