अयोध्या, लोकजनता: बिना जमीन और भवन के गलत तथ्य और दस्तावेज पेश कर डिग्री कॉलेज की मान्यता लेने के मामले में डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने कथित जीएस गर्ल्स डिग्री कॉलेज के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। पहले चरण में बीकापुर तहसील के ग्रामीण क्षेत्र गंडई स्थित जीएस गर्ल्स डिग्री कॉलेज की नई एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) निरस्त कर दी गई है। साथ ही छात्राओं को प्रवेश की अनुमति भी रद्द कर दी गई है. यदि कोई छात्र बिना वैध मान्यता के यहां प्रवेश लेता पाया गया तो सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
यह कार्रवाई वर्ष 2023-24 सत्र के दौरान सामने आई गंभीर अनियमितता पर आधारित है. जांच में पाया गया कि कॉलेज ने बिना किसी वैध भूमि स्वामित्व के मान्यता प्राप्त करने का प्रयास किया था, जो शिक्षा विभाग के दिशानिर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है। उच्च शिक्षा में न्यूनतम मानकों के तहत किसी भी संस्थान को कम से कम पांच बीघे जमीन उपलब्ध कराना अनिवार्य है। जिसमें भवन निर्माण, खेल मैदान और अन्य सुविधाएं शामिल हैं। गंडई कॉलेज ने इन नियमों की अनदेखी कर एनओसी लेने की कोशिश की, जो छात्राओं के भविष्य के लिए खतरा साबित हो सकता है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने जमीन संबंधी सभी दस्तावेजों की गहनता से जांच की, जिसमें कई विसंगतियां सामने आयीं. अब पुष्टि के लिए मामला राजस्व विभाग को सौंप दिया गया है। इसके अलावा अवध विश्वविद्यालय के अपने कर्मियों की भूमिका पर भी शिकंजा कसा जा रहा है। प्रारंभिक रिपोर्टों से संकेत मिला है कि आंतरिक स्तर पर कुछ लापरवाही या पूर्वाग्रह हो सकता है, जिसके लिए निष्पक्ष जांच के आदेश दिए गए हैं।
इतना ही नहीं तथाकथित जीएस गर्ल्स डिग्री कॉलेज से जुड़ी सभी फाइलों को रिकॉर्ड रूम से निकालकर रजिस्ट्रार कार्यालय में रख दिया गया है. बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से लगातार छुट्टियों के चलते यह कार्रवाई देर से हो सकी है. इस पूरे मामले में जीएस लॉ कॉलेज को बदनाम करने वाला जालसाज अनिरुद्ध तिवारी न केवल बेनकाब हो गया है बल्कि उसे नोटिस भी जारी किया जा रहा है. बताया जाता है कि सत्र 2023-24 में बिना जांच के दी गयी इस गलत मान्यता के मामले में रजिस्ट्रार विनय कुमार सिंह ने तत्कालीन कार्यरत कर्मचारियों और तत्कालीन रजिस्ट्रार की भूमिका पर भी उंगली उठाई है. हालांकि आगे की कार्रवाई के लिए अभी मान्यता समिति की बैठक का इंतजार है.
“लोकजनता” ने अनियमितताओं को उजागर किया था
“लोकजनता” ने 27 अक्टूबर को इस मुद्दे को प्रमुखता से प्रकाशित किया था और अपनी रिपोर्ट में कॉलेज की अनियमितताओं पर सीधा हमला बोला था, जिसके बाद विश्वविद्यालय ने तुरंत संज्ञान लिया. न सिर्फ एक कॉलेज की मान्यता रद्द की गयी, बल्कि पूरे क्षेत्र के शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक मिसाल कायम की गयी. ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के इस कदम से अभिभावकों में विश्वास बढ़ा है। अवध विश्वविद्यालय की यह पहल अन्य संस्थानों के लिए चेतावनी का काम करेगी, ताकि कोई भी संस्थान नियमों का पालन किए बिना छात्राओं का भविष्य दांव पर न लगाए। अब उम्मीद है कि राजस्व विभाग की जांच में सारी सच्चाई सामने आ जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी।
बिना भवन व सड़क के ही मान्यता ले ली गयी
शिकायत के मुताबिक, गेट नंबर 624-625 पर केवल खंभे हैं और कोई इमारत नहीं है. फिर भी ग्राम प्रधान, लेखपाल राजेश श्रीवास्तव, राजस्व निरीक्षक प्रदीप तिवारी व तहसीलदार की फर्जी रिपोर्ट के आधार पर 25 फरवरी 2023 से 26.4 फीट चौड़ी पक्की सड़क का फर्जी प्रमाण पत्र बनवा लिया गया। इसकी जांच बीकापुर तहसील की एसडीएम श्रेया कर रही हैं।
खेला गया दोहरा खेल, एक ही मैदान पर दो कॉलेज
प्रतिमा तिवारी पत्नी अनिरुद्ध तिवारी ने उसी जमीन पर ग्रामीण शिक्षा एवं समाज कल्याण ट्रस्ट के नाम से नई मान्यता के लिए आवेदन किया, जिसकी फीस 9 दिसंबर 2024 को 3 लाख 54 हजार 360 रुपये जमा की गई। आवेदन में दावा किया गया है कि 21 कमरे बनाए गए हैं, जबकि हकीकत में सिर्फ खंभे हैं। एसडीएम की 13 जनवरी 2025 की जांच रिपोर्ट के अनुसार गाटा संख्या 624-625 पर कोई पक्की सड़क या फुटपाथ नहीं है। वहां सिर्फ खंभे हैं, कोई इमारत नहीं.
“लोकजनता” द्वारा प्रकाशित खबर के संज्ञान में आने के बाद जीएस गर्ल्स डिग्री कॉलेज की नई एनओसी को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। आगे की कार्रवाई की जा रही है.-विनय कुमार सिंह, रजिस्ट्रार, अवध विश्वविद्यालय।



