प्रमोद कुमार/न्यूज़11भारत
बरवाडीह/डेस्क: बेतला नेशनल पार्क से सटे बुचिदाड़ी गांव में पांच वर्षीय जंगली हाथी का शव बरामद किया गया है. सूचना पाकर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने हाथी के शव को कब्जे में ले लिया और पोस्टमार्टम के बाद दफना दिया. हालांकि, हाथी की मौत कैसे हुई इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है.
बुधवार को वन विभाग की टीम को सूचना मिली कि बेतला के बुचीदाड़ी गांव के पास धान के खेत के बगल में एक जंगली हाथी की मौत हो गयी है. सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम अलर्ट हो गई और उपनिदेशक पीके जेना के निर्देश पर विभाग की टीम मौके पर पहुंची. वहां हाथी मरा पड़ा था.
वन विभाग की टीम ने इसकी पूरी रिपोर्ट उपनिदेशक व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को दी. इस संबंध में उपनिदेशक पीके जेना ने बताया कि हाथी की मौत हो गयी है. मेडिकल टीम द्वारा मृत हाथी के शव का पोस्टमार्टम कर शव को दफना दिया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि हाथी की मौत कैसे हुई.
बिना दांत का हाथी
बताया जा रहा है कि जिस प्रजाति के हाथी को मृत पाया गया है उसके दांत नहीं होते हैं. इस प्रकार के हाथी बेतला क्षेत्र में पाए जाते हैं। हालांकि हाथी की मौत कैसे हुई इसकी पुष्टि तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही होगी, लेकिन धान के खेत के पास हाथी का शव मिलने से कई संभावनाएं पैदा हो गई हैं.
हाथियों की संख्या लगातार कम हो रही है. यहां आपको बता दें कि झारखंड राज्य में हाथियों की संख्या लगातार घट रही है. पिछले 8 वर्षों में झारखंड राज्य में हाथियों की संख्या में भारी गिरावट आई है। वर्ष 2017 में झारखंड में हाथियों की संख्या 600 से अधिक थी. वर्ष 2025 में यह संख्या घटकर मात्र 217 रह जायेगी. इनमें से पलामू टाइगर रिजर्व और पूरे पलामू प्रमंडल में हाथियों की संख्या 130 के आसपास बतायी जा रही है. हाथियों की संख्या में लगातार गिरावट से वन विभाग भी चिंतित है.
इधर, बुधवार को बेतला रेंज में एक हाथी की मौत के बाद यह चिंता और भी बढ़ गयी है. यहां एक और अहम बात यह है कि पिछले तीन साल में जिले में अलग-अलग घटनाओं में 6 से ज्यादा हाथियों की मौत हो चुकी है.
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