नीलांबर पीतांबरपुर : लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के रेवारातू पंचायत में श्री विनायक कंस्ट्रक्शन के माइंस (खनन) कार्य शुरू करने को लेकर बुधवार को ग्रामीणों और पुलिस के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी.
माइंस के विरोध में जुटे ग्रामीणों ने जोरदार प्रदर्शन किया और कहा कि माइंस लगने से खेत, पहाड़, जंगल और जलस्रोत प्रभावित होंगे, जिससे उनकी आजीविका खतरे में पड़ जायेगी. आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची लेस्लीगंज थाना पुलिस ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन स्थिति बिगड़ गयी और प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर लाठी-डंडे और पत्थरों से हमला कर दिया.
झड़प में चार पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गये. घायलों में लेस्लीगंज थाने के एएसआई सचितानंद शर्मा, हवलदार महेंद्र दुबे, सिपाही अवधेश पासवान, चौकीदार चैतू पासवान शामिल हैं। जबकि आधा दर्जन से अधिक जवानों को आंशिक चोटें आयीं. सभी घायलों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल के बाद एमएमसीएच मेदिनीनगर भेजा गया.
साथ ही स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और 11 महिलाओं और 3 पुरुषों को हिरासत में ले लिया. मौके पर लेस्लीगंज एसडीपीओ मनोज कुमार झा, प्रशिक्षु आईएस हिमांशु लाल, पांकी सर्किल इंस्पेक्टर पूनम टोप्पो, थाना प्रभारी उत्तम कुमार राय समेत भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद हैं. साथ ही पुलिस घटना स्थल पर कैंप कर रही है. वहीं, ग्रामीणों के एक वर्ग को यह भी उम्मीद है कि खदानों से क्षेत्र में रोजगार और विकास होगा।
प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि प्रशासन उनकी बात सुने बिना ही खनन कार्य को आगे बढ़ा रहा है. बताया गया कि श्री विनायक कंस्ट्रक्शन को वर्ष 2024 में रेवारातू क्षेत्र में माइंस लीज मिली थी. इसे लेकर कुछ ग्रामीणों ने रांची हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
इसके बावजूद स्थानीय स्तर पर विरोध जारी है. माइंस संचालक द्वारा कई दौर की बैठक के बावजूद विवाद का समाधान नहीं निकल सका है. इस बीच पुलिस प्रशासन ने साफ कर दिया है कि कानून-व्यवस्था में खलल डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. खबर लिखे जाने तक स्थिति नियंत्रण में है.



