गोंडा, लोकजनता: रेलवे सुरक्षा बल की हिरासत में मंगलवार रात एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। युवक की मौत के बाद घबराए पुलिसकर्मी मृतक का शव अस्पताल में छोड़कर भाग गए। युवक की मौत की सूचना पाकर अस्पताल पहुंचे परिजनों ने रेलवे सुरक्षा बल की टीम पर युवक की पिटाई करने और थर्ड डिग्री टॉर्चर करने का आरोप लगाया है.
परिजनों का कहना है कि पुलिस कर्मियों ने युवक की पीट-पीट कर हत्या कर दी. इस मामले में मृतक के भाई ने रेलवे सुरक्षा बल के एक इंस्पेक्टर और दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है. फिलहाल पुलिस ने युवक के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
दरअसल, 28 सितंबर को आरपीएफ ने ट्रेन से खाद्य तेल चोरी करने के मामले में मोतीगंज थाना क्षेत्र के किनकी गांव निवासी पवन कुमार नामक युवक को गिरफ्तार किया था. पवन के बयान के आधार पर पुलिस चोरी के इस मामले में संजय और रामफेर की तलाश कर रही थी. मंगलवार को आरपीएफ इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार ने कांस्टेबल करन सिंह यादव, अमित कुमार यादव और टीम के अन्य कांस्टेबलों के साथ संजय कुमार को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया था और उसकी निशानदेही पर गन्ने के खेत से खाद्य तेल भी बरामद किया था।
पुलिसकर्मियों का कहना है कि थाने लाते समय संजय कुमार की हालत बिगड़ गई तो उसे जिला अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. संजय कुमार की मौत के बाद आरपीएफ की टीम उसे जिला अस्पताल में छोड़ गयी. घटना की सूचना मिलने पर परिजन मौके पर पहुंचे और हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसे पीटा और थर्ड डिग्री टॉर्चर किया, जिससे उसकी मौत हो गई.
मृतक के भाई राजू सोनकर का कहना है कि मंगलवार सुबह करीब 11 बजे पुलिस उसे घर से ले गई थी। उनके खिलाफ कोई एफआईआर नहीं हुई. गिरफ्तारी के बाद पुलिसकर्मी उसे पूरे दिन गाड़ी में घुमाते रहे और पीटते रहे जिससे उसकी मौत हो गई.
इस मामले में मृतक के भाई राजू सोनकर की शिकायत पर सिटी आरपीएफ इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार, करन सिंह यादव, अमित यादव और अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज की गई है। अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी मनोज कुमार रावत ने बताया कि मृतक के भाई की शिकायत पर तीन नामजद पुलिसकर्मियों समेत अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या की एफआईआर दर्ज की गई है. मामले की जांच की जा रही है।
घटना बेहद दुखद है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. रिपोर्ट आने के बाद अगर यह बात साबित होती है तो दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए विभागीय कार्रवाई की जायेगी. -महेंद्र प्रसाद दुबे, सहायक सुरक्षा आयुक्त, आरपीएफ
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