राजकोट में बेमौसम बारिश ने किसानों पर कहर बरपाया. मौसमी बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है. फसलों को भारी नुकसान झेल रहे किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है. सौराष्ट्र पंथ में सर्दी के मौसम में ठंड के कारण किसानों की तैयार फसलें खराब हो गई हैं, वहीं जेतपुर पंथ के थानागालो गांव के किसानों को बड़ी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है.
किसान की प्याज की फसल खराब हो गई
थानागालो गांव के महेशभाई सावलिया नाम के किसान ने अपनी 8 एकड़ जमीन में दवाइयों, बीज और मजदूरी की ऊंची लागत पर प्याज की फसल लगाई थी, जिसकी प्रति फसल लागत 17 से 18 हजार रुपये थी. और उन्हें प्याज की अच्छी फसल की उम्मीद थी लेकिन मौसमी बारिश के कारण 8 सीजन में तैयार होने वाली प्याज की फसल खराब हो गई. अगर किसान खराब फसल बेच भी दे तो प्याज की बोरी भरना, प्याज काटना आदि अन्य खर्चे होंगे और खराब प्याज की यार्ड में कीमत भी नहीं मिलेगी, इसलिए महेशभाई ने अपने खेत में भेड़-बकरी (बाघ) जानवरों को चराने के लिए रख लिया। इस साल दुनिया परेशान और परेशान हो रही है.
मावठाना हमले से किसानों की परेशानी बढ़ गई
राजकोट के अलावा अमरेली जिले में भी बेमौसम बारिश ने किसानों पर कहर बरपाया है. दुनिया की नजरों ने दुनिया के दांत खट्टे कर दिये हैं, जमाने की मझधार में हमने किसी को छोड़ा नहीं है। जब वडोदरा के वाघोडियामा में बेमौसम बारिश ने तबाही मचा दी. द्वारका में भी बेमौसम बारिश से किसानों की हालत खराब हो गई है. जाम खंभालिया में बारिश से फसल को भारी नुकसान हुआ है. कमोसामी मावठा की तबाही से दुनिया की मुसीबतें बढ़ गई हैं.



