पटना: इस बार का बिहार विधानसभा चुनाव न सिर्फ राज्य बल्कि वैश्विक लोकतंत्र के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन गया है. दुनिया के कई देशों से वरिष्ठ चुनाव अधिकारी और विशेषज्ञ पटना पहुंच चुके हैं, जो यहां चुनाव प्रबंधन की कार्यप्रणाली, तकनीक और पारदर्शिता का अध्ययन करेंगे. वे विशेष रूप से ईवीएम और वीवीपैट प्रबंधन, बूथ प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था और वेबकास्टिंग प्रणाली को समझेंगे।
भारत का चुनाव आयोग इस अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के माध्यम से दुनिया को यह संदेश दे रहा है कि भारत में लोकतंत्र सिर्फ एक परंपरा नहीं है, बल्कि आधुनिक तकनीकों और पारदर्शिता से संचालित एक शक्तिशाली प्रणाली है।
मतदान दो चरणों में होगा
बिहार में दो चरणों में विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं. पहले चरण के लिए प्रचार मंगलवार शाम को खत्म हो गया और पहला मतदान 6 नवंबर (गुरुवार) को होगा. इस चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर वोटिंग होगी. दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा और वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी.
राज्य की कुल 243 सीटों में से
- पहला कदम: 121 सीटें
- दूसरा चरण: 122 सीटें
सरकार बनाने के लिए बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत है.
3.75 करोड़ वोटर, 1314 उम्मीदवार
पहले चरण में 3.75 करोड़ से ज्यादा वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इन सीटों पर 1314 उम्मीदवार की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी.
मतदान करना 45,000 से अधिक मतदान केंद्र बनाया गया है. इन:
- महिलाएं बूथ चलाती हैं
- दिव्यांग संचालित बूथ
- हाईटेक मॉडल बूथ शामिल है
हर बूथ और लगभग सभी मतदान केंद्रों पर सशस्त्र बलों की तैनाती की गई है. वेबकास्टिंग सुविधा भी उपलब्ध करा दिया गया है।
प्रौद्योगिकी और पारदर्शिता पर ध्यान दें
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत न केवल मतदान संख्या के मामले में बल्कि तकनीकी और लॉजिस्टिक्स प्रबंधन के स्तर पर भी दुनिया के सामने एक उदाहरण स्थापित कर रहा है। चुनाव आयोग के अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षक:
- ईवीएम प्रबंधन
- वीवीपैट सत्यापन
- स्ट्रांग रूम की सुरक्षा
- बूथ सुरक्षा व्यवस्था
- वास्तविक समय वेब निगरानी
अध्ययन करेंगे।
वैत्वरित संदेश
यह कार्यक्रम विश्व मंच पर भारत की लोकतांत्रिक साख को मजबूत करता है और साबित करता है कि भारतीय चुनाव प्रणाली पारदर्शिता, तकनीकी नवाचार और निष्पक्षता का सबसे अच्छा उदाहरण है।
भारत की यह पहल दुनिया को बताती है कि यहां लोकतंत्र सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि एक जीवंत और बढ़ती हुई व्यवस्था है।
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