धर्म डेस्क: सनातन परंपरा में वास्तु टिप्स और स्वप्न विज्ञान का विशेष स्थान है। जब जीवन में खुशियां आने वाली होती हैं तो कुछ संकेत पहले से ही दिखने लगते हैं। इन संकेतों को जानकर कोई भी आनंद और शांति के साथ तैयारी कर सकता है। इस लेख में हम उन पांच प्रमुख शुभ संकेतों के बारे में विस्तार से बताएंगे जिनके दिखने पर समझ जाएं कि जल्द ही अच्छे दिन आने वाले हैं।
सपने में माँ लक्ष्मी के दर्शन
सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण संकेत होता है सपने में माता लक्ष्मी का दिखना। स्वप्न शास्त्र के अनुसार, अगर किसी को सपने में धन की देवी महालक्ष्मी दिखाई देती हैं तो यह आर्थिक लाभ, समृद्धि और करियर में उन्नति का स्पष्ट संकेत माना जाता है। ऐसे सपने अक्सर अचानक अवसरों और वित्तीय समस्याओं के समाधान का संकेत देते हैं।
ब्रह्ममुहूर्त में उठना
दूसरा लक्षण है ब्रह्म मुहूर्त में जागना। ब्रह्म मुहूर्त को सृष्टि का सर्वोत्तम समय माना जाता है। अगर आपकी नींद ब्रह्म मुहूर्त में अपने आप खुलने लगती है तो यह मानसिक शांति, ऊर्जा और सकारात्मक बदलाव का सूचक है। इस समय की गई साधना और ध्यान का परिणाम शीघ्र और गहरा माना जाता है।
रास्ते में पुजारी आता दिखाई दिया
तीसरा शुभ संकेत है रास्ते में किसी पुजारी का दिखना। सड़क पर अचानक किसी पुजारी से मिलना या किसी मठ/मंदिर के पास आना आध्यात्मिक पथ पर प्रवेश और जीवन में अच्छे कार्यों की शुरुआत का संकेत है। यह दर्शाता है कि व्यक्ति का मन धार्मिक आचरण की ओर झुका है और अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे।
घर में चिड़िया का घोंसला बनाना
चौथा सरल लेकिन सुखद संकेत है घर में चिड़िया का घोंसला बनना। वास्तु के अनुसार यदि कोई पक्षी घर की दीवारों, आंगन या छत पर घोंसला बनाता है तो यह सुख, शांति और पारिवारिक सौभाग्य का संकेत है। यह संकेत बताता है कि घरेलू परेशानियां दूर होंगी और खुशहाली आएगी।
तुलसी का हरापन
पांचवां और बहुत महत्वपूर्ण लक्षण यह है कि तुलसी हरी होती है। तुलसी में देवी लक्ष्मी का वास माना जाता है। यदि घर में तुलसी स्वस्थ और हरी-भरी हो तो सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और घर में सुख-संपत्ति आने की संभावना बढ़ जाती है। वास्तु के अनुसार तुलसी को पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना अधिक लाभकारी होता है।
ये संकेत मिलने पर व्यक्ति को अपने कार्यों में सुधार लाने, दान-पुण्य बढ़ाने और आंतरिक शांति की ओर ध्यान देने की सलाह दी जाती है। साथ ही इन मौजूद शुभ संकेतों का सम्मान करके अपने मन को प्रसन्न रखें क्योंकि सुखद बदलाव तभी मूर्त रूप लेते हैं जब हम उनके लिए तैयार होते हैं।
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