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Wednesday, November 5, 2025
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खरमास 2025 तिथि: कब मनाया जाएगा खरमास? जानिए तारीख, नियम… शुभ कार्यों से पहले करें ये जरूरी काम


धर्म डेस्क: हिंदू धर्म में खरमास (Kharmas 2025) को विशेष महत्व दिया गया है. यह वह अवधि है जिसमें कोई भी नया या शुभ कार्य शुरू नहीं किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य देव बृहस्पति की राशि धनु या मीन में प्रवेश करते हैं तो उस अवधि को खरमास कहा जाता है। साल 2025 में खरमास 16 दिसंबर से शुरू होकर 14 जनवरी 2026 तक रहेगा.

दर्द क्यों होता है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है तो उसकी ऊर्जा कम हो जाती है। सूर्य को तेज, शक्ति और सफलता का प्रतीक माना गया है। जबकि बृहस्पति (गुरु) शुभ कार्यों का कारक है। जब सूर्य और बृहस्पति की युति बनती है तो बृहस्पति की शुभता कुछ हद तक कमजोर हो जाती है। इसी वजह से खरमास के दौरान कोई भी शुभ कार्य करने से परहेज किया जाता है।

खरमास में कौन से कार्य वर्जित हैं?

खरमास में विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यवसाय, मुंडन या जनेऊ संस्कार जैसे शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं। इस दौरान कोई भी नया निवेश, संपत्ति की खरीदारी या वाहन की खरीदारी से भी बचना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय किए गए शुभ कार्यों का पूरा फल नहीं मिलता है और कार्य में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।

खरमास शुरू होने से पहले कर लें ये काम

  • शादी: अगर परिवार में शादी की तारीख तय हो गई है तो खरमास शुरू होने से पहले ही शादी कर लें.
  • गृह प्रवेश: अगर आप नए घर में प्रवेश करने की योजना बना रहे हैं तो 16 दिसंबर से पहले शुभ मुहूर्त देखकर ही गृह प्रवेश करें।
  • नया कारोबार: कोई भी नया व्यवसाय, निवेश या प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले उसे लॉन्च करें।
  • संस्कार: बच्चों का मुंडन, जनेऊ या अन्य संस्कार खरमास शुरू होने से पहले ही करा लें।

खरमास में क्या करें?

हालांकि खरमास में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं, लेकिन धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ और दान-पुण्य के लिए यह अवधि बहुत शुभ मानी जाती है। इस काल में सूर्यदेव और भगवान विष्णु की पूजा, तीर्थयात्रा और दान को विशेष महत्व दिया गया है। श्रद्धालु इस दिन गंगा स्नान, हवन, कथा-पाठ और व्रत जैसे कार्य करके पुण्य कमा सकते हैं।

कब ख़त्म होगा खरमास?

खरमास 14 जनवरी 2026 को समाप्त होगा, जब सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा और इसके साथ ही सभी शुभ कार्य दोबारा शुरू किए जा सकेंगे।

इस प्रकार खरमास साधना, संयम और धार्मिक पालन का काल है। इस दौरान लोगों को अपने अंदर की नकारात्मकता को दूर कर जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने का प्रयास करना चाहिए।

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अस्वीकरण: इस लेख में उल्लिखित उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। यहां इस आर्टिकल फीचर में जो लिखा गया है, नईदुनिया उसका समर्थन नहीं करता। इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/किंवदंतियों से एकत्रित की गई है। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य या दावा न मानें और अपने विवेक का प्रयोग करें। नईदुनिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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