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Wednesday, November 5, 2025
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लोकगायिका शारदा सिन्हा की पहली पुण्य तिथि, सीएम नीतीश कुमार ने दी श्रद्धांजलि. लोकजनता


‘बिहार कोकिला’ को श्रद्धांजलि – मुख्यमंत्री ने कहा, ”उनकी मधुर आवाज हमेशा गूंजती रहेगी”

पटना बिहार

बिहार के प्रसिद्ध लोक गायक और छठ गीतों की आत्मा कहे जाने वाले शारदा सिन्हा आज पहली पुण्य तिथि है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री मो नीतीश कुमार उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके अमूल्य योगदान को याद किया.

नीतीश कुमार ने की भावुक यादें

सीएम नीतीश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया

“बिहार कोकिला, पद्मश्री एवं पद्म भूषण से सम्मानित स्वर्गीय शारदा सिन्हा जी की पुण्य तिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि।
छठ पर्व पर उनके गाए मधुर गीत आज भी बिहार समेत देश के तमाम हिस्सों में गूंजते हैं.
उनकी स्मृतियां बिहार की धरती, संगीत जगत और संगीत प्रेमियों के बीच सदैव जीवित रहेंगी।”

छठ गीतों की पहचान थीं शारदा सिन्हा.

शारदा सिन्हा लोक संगीत की सबसे प्रभावशाली आवाज़ों में गिनी जाती हैं।
लोगों ने उन्हें दो नाम दिये- “बिहार कोकिला” और “स्वर कोकिला”।।

उनके छठ गीत आज भी हर घर, हर घाट, पूजा-आरती और लोक परंपराओं में भाव जगाते हैं।
“फूलवा फुलनी चोदइबो…”, “हे गंगाजी”, “उठो हे सूर्य देव!” जैसे अनगिनत गीत भक्ति और परंपरा का प्रतीक बन गए हैं.

मरणोपरांत पद्म विभूषण मिला

भारत सरकार ने इस वर्ष शारदा सिन्हा पद्म विभूषण मरणोपरांत पुरस्कार दिया गया।
उनसे पहले पद्मश्री और पद्म भूषण मुलाकात भी हो चुकी है.

यह सम्मान उनकी उस विरासत का प्रतीक है जिसने बिहार के लोकगीतों और छठ संस्कृति को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई.

एक आवाज़ जो पीढ़ियों को जोड़ती है

शारदा सिन्हा ने अपने संगीत से न सिर्फ बिहार बल्कि देश-विदेश में भी पहचान हासिल की.
उनका गायन:

✅ लोक परंपरा का संरक्षण
✅संस्कृति का स्वर
✅ आस्था का संगीत
✅ विरासत जो पीढ़ियों को जोड़ती है

आज भी जीवित हैं.

शारदा सिन्हा भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी आवाज और छठ भक्ति गीत सदियों तक बिहार की संस्कृति में जीवित रहेंगे।


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