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Wednesday, November 5, 2025
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आईआईटी-आईएसएम धनबाद में टन-एड 2025 कार्यशाला शुरू हुई


अम्बर कलश तिवारी/न्यूज़11 भारत

धनबाद/डेस्क: आईआईटी (आईएसएम) धनबाद में सोमवार को TEXMiN, i2H बिल्डिंग में “मुश्किल मैदानों में टनलिंग एडवांसमेंट: न्यूमेरिकल मॉडलिंग एंड मशीन लर्निंग अप्रोच (TUN-AID 2025)” शीर्षक से तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला शुरू हुई।

यह कार्यशाला माइनिंग इंजीनियरिंग विभाग और आईजीएस धनबाद चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की जा रही है. कार्यक्रम में देशभर से छात्रों, शोधार्थियों और पेशेवरों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतिभागियों में खनन इंजीनियरिंग, टनलिंग और भूमिगत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग और ईंधन, खनिज और धातुकर्म इंजीनियरिंग विभागों के छात्र और विशेषज्ञ शामिल थे।

ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल), पीएमटी इंफ्रासाइंस और मेगा ग्रुप के उद्योग प्रतिनिधियों की उपस्थिति ने कार्यशाला का महत्व बढ़ाया, जिसमें शिक्षा जगत और उद्योग के बीच एक मजबूत संबंध देखा गया।

उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. मनोज वर्मन, ROCSIENCE प्रतिनिधि – भारत और दक्षिण एशिया और हार्ड रॉक उत्खनन पर आईएसआरएम आयोग के अध्यक्ष थे, और विशेष अतिथि डॉ. एपी सिंह, मानद सचिव, आईजीएस थे। दोनों अतिथियों ने कठिन भूगर्भीय परिस्थितियों में सुरंग निर्माण के क्षेत्र में हो रहे नए शोध और तकनीकी प्रगति पर अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम का आयोजन आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के निदेशक सुकुमार मिश्रा और प्रो. के संरक्षण में प्रो. धीरज कुमार, उपनिदेशक की अध्यक्षता में किया गया। प्रो. माइनिंग इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख और टीयूएन-एआईडी 2025 के अध्यक्ष बीएस चौधरी और आईजीएस धनबाद चैप्टर के सचिव प्रोफेसर शरत दास ने भी सभा को संबोधित किया। उन्होंने कठिन जमीनी परिस्थितियों में सुरंग बनाने की चुनौतियों और ऐसी सहयोगी पहलों के महत्व पर जोर दिया।

उद्घाटन कार्यक्रम की सफलता का श्रेय प्रोफेसर स्वप्निल मिश्रा (संयोजक), प्रोफेसर गोपी कृष्ण (सह-संयोजक) और छात्र समन्वयकों – ज्योति जगज्जिता राज, सुस्मित मंतय्या स्वामी और अश्विनी कुमार की कड़ी मेहनत और उत्कृष्ट योजना को जाता है।

कार्यशाला के अगले दो दिन विभिन्न सत्रों, विशेषज्ञ व्याख्यानों और संवादात्मक चर्चाओं से भरे रहेंगे। अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों में डॉ. बिनेसियन होस (ऑस्ट्रेलिया) और प्रोफेसर किम ब्युंगमिन (दक्षिण कोरिया) हाइब्रिड मोड में अपने विचार साझा करेंगे, जबकि प्रोफेसर वीएमएसआर मूर्ति 4 नवंबर को संबोधित करेंगे। इसके अलावा, डॉ. मैनक घोष रॉय (एनएचपीसी), डॉ. प्रियंका भारतीय (सीओडब्ल्यूआई), डॉ. अंशुल सिंधवानी (एल एंड टी), श्री रोहन पावाडे (एल एंड टी), सुश्री शारदा निफडे (एल एंड टी), श्री विशाल बंसल जैसे विशेषज्ञ शामिल हैं। (एनएचएआई) और श्री चिरंजीब सरकार (जियोकंसल्ट) भी कार्यशाला में भाग लेंगे।

TUN-AID 2025 का उद्देश्य संख्यात्मक मॉडलिंग और मशीन लर्निंग जैसे आधुनिक दृष्टिकोणों के माध्यम से सुरंग निर्माण और भूमिगत इंजीनियरिंग में नवाचार और ज्ञान साझाकरण को बढ़ावा देना है। यह कार्यशाला छात्रों, शोधकर्ताओं और उद्योग पेशेवरों के लिए एक बेहतरीन मंच साबित हो रही है।

यह भी पढ़ें: घाघरा प्रखंड के 17 गांवों को विकास देने की पहल, आजीविका व आर्थिक उन्नति के लिए किये जायेंगे प्रयास

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