छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले की नौगांव जनपद पंचायत में एक बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है. फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी करने के आरोप में महेताली ग्राम पंचायत सचिव प्रेमनंद सेवकवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई जिला पंचायत सीईओ नम: शिवाय अरजरिया ने की है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एक जांच टीम भी गठित की गई है, क्योंकि यह बात सामने आ रही है कि सचिव द्वारा 1100 से अधिक फर्जी प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं. ऐसे में आशंका है कि रोहिंग्या मुसलमान भी सर्टिफिकेट बनवा रहे होंगे.
क्या है पूरा मामला?
आधिकारिक दस्तावेजों के मुताबिक, जनपद पंचायत नौगांव के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने 3 नवंबर 2025 को एक रिपोर्ट पेश की थी. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि सचिव प्रेमनंद सेवकवार ने इंदौर निवासी अंशुमान खान का जन्म प्रमाण पत्र 24 सितंबर 2025 को जारी किया था.
जांच में पाया गया कि यह प्रमाणपत्र पूरी तरह से अवैध और नियम विरुद्ध है. अंशुमन का जन्म 11 फरवरी 2008 को हुआ था, जिसका प्रमाण पत्र इतने वर्षों बाद भी बिना किसी ठोस प्रक्रिया के जारी नहीं किया जा सकता है.
कई स्तरों पर गंभीर गलतियाँ की गईं
जांच में यह भी पता चला कि प्रमाणपत्र जारी करने के लिए किसी भी वरिष्ठ अधिकारी से कोई मंजूरी नहीं ली गई थी। इसके अलावा जिस परिवार के नाम पर यह प्रमाण पत्र जारी किया गया वह महेताली ग्राम पंचायत का निवासी भी नहीं है। यह भी पाया गया कि प्रमाणपत्र बिना किसी सबूत या सहायक दस्तावेज़ के बनाया गया था। इस आचरण को मध्य प्रदेश पंचायत सेवा आचरण नियम 1998 के तहत गंभीर कदाचार माना गया है। रिपोर्ट के आधार पर जिला पंचायत सीईओ नम: शिवाय अरजरिया ने सचिव प्रेमनंद सेवकवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
बड़े रैकेट की आशंका, जांच टीम गठित
सूत्रों के मुताबिक, ये सिर्फ एक सर्टिफिकेट का मामला नहीं है. सचिव द्वारा अब तक करीब 1134 फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी किये जाने का संदेह है. इस मामले में रोहिंग्या मुसलमानों को भी सर्टिफिकेट बनाकर दिए जाने की बात सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है. मामले की तह तक जाने के लिए जिला पंचायत ने जांच टीम गठित कर दी है। अधिकारियों का मानना है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, पंचायत में कई और फर्जीवाड़े सामने आ सकते हैं.
सौरभ शुक्ला की रिपोर्ट



