भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर आज से मध्य प्रदेश में एसआईआर (विशेष गहन समीक्षा) की विशेष गहन समीक्षा शुरू हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर राज्य की सभी 230 विधानसभाओं में बूथ लेवल अधिकारी घर-घर पहुंचकर मतदाताओं की पहचान करेंगे और उनकी जानकारी निर्धारित प्रपत्रों और प्रारूपों में अपडेट करेंगे. भारत निर्वाचन आयोग एसआईआर को बेहद महत्वपूर्ण और मतदाताओं के हित में बता रहा है, लेकिन कांग्रेस इसे बीजेपी और चुनाव आयोग की साजिश बता रही है.
पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि बीएलओ अधिकारियों को बिना किसी तैयारी और आवश्यक प्रपत्र उपलब्ध कराये दबाव में काम करने को कहा जा रहा है, जो चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवालिया निशान है. उन्होंने कहा, ”हम इस पूरे मामले पर नजर रख रहे हैं और मजबूती से खड़े हैं. कांग्रेस चुनाव आयोग को नोटिस देगी कि पर्याप्त तैयारी के बिना एसआईआर प्रक्रिया क्यों शुरू की गई है.”
चुनाव आयोग और बीजेपी की मिलीभगत से रची गई साजिश
कांग्रेस नेता ने राज्य में शुरू की गई विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह पूरा कार्यक्रम चुनाव आयोग और बीजेपी की मिलीभगत से रची गई साजिश है. इसका उद्देश्य राज्य में दलित, आदिवासी, मजदूर और अल्पसंख्यक वर्ग के मतदाताओं का नाम मतदाता सूची से हटाना है.
कांग्रेस इस साजिश का पर्दाफाश करेगी: सज्जन
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि यह कदम बीजेपी और चुनाव आयोग का सुनियोजित प्रोपेगेंडा है. उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव की मतदाता सूची पर नजर डालें तो साफ दिखेगा कि किस तरह योजनाबद्ध तरीके से गरीबों, मजदूरों और अल्पसंख्यक वर्ग के मतदाताओं का नाम हटा दिया गया. उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस इस साजिश का पर्दाफाश करेगी और लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर स्तर पर लड़ाई लड़ेगी.



