महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और शिवसेना विधायक दीपक केसरकर ने कहा, ”किसी को नहीं पता था कि मुठभेड़ होने वाली है. लेकिन 17 बच्चों को बंधक बनाना पूरी तरह से गलत था. उस समय बच्चों की जान सबसे ज्यादा मायने रखती थी. मैं अब मंत्री नहीं हूं, इसलिए मैं कोई ठोस आश्वासन नहीं दे सका. अगर उन्होंने उस विभाग के मंत्री से संपर्क किया होता और वह उपलब्ध नहीं थे, तो मुझसे दोबारा बात की जा सकती थी. जिस विभाग का मैं अब मंत्री नहीं हूं, उसके बारे में मैं सीधे तौर पर आश्वासन नहीं दे सकता था.” तनावपूर्ण स्थिति क्योंकि बच्चों की जान ख़तरे में थी।”



