गढ़वा से नित्यानंद दुबे की रिपोर्ट
गढ़वा: मझिआंव अंचल अधिकारी (सीओ) प्रमोद कुमार को निलंबित कर दिया गया है. उनके निलंबन की कार्रवाई झारखंड सरकार के कार्मिक विभाग ने की है.
सीओ प्रमोद कुमार हाल ही में तब सुर्खियों में आए जब उनकी पत्नी ने उन्हें सरकारी क्वार्टर में गैर महिला के साथ रंगरेलियां मनाते हुए पकड़ लिया. आप यह खबर झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। हालाँकि, उनका निलंबन इस व्यक्तिगत मामले के कारण नहीं, बल्कि उनके कार्यकाल के दौरान गंभीर अनियमितताओं और कदाचार के आरोपों के मद्देनजर किया गया है।
निलंबन के मुख्य आरोप
सीओ प्रमोद कुमार के खिलाफ निम्नलिखित आरोपों के आधार पर कार्रवाई की गई है:
जनता के साथ दुव्र्यवहार : अंचल कार्यालय में आनेवाले लोगों के साथ दुव्र्यवहार व मारपीट.
गाली-गलौज वाली भाषा: अभद्र भाषा का प्रयोग कर लोगों को धमकाना।
शराब का सेवन: कार्यालय समय के दौरान शराब का सेवन करना।
वित्तीय अनियमितताएँ: मनी लॉन्ड्रिंग (भ्रष्टाचार)।
समन्वय की कमी: जन प्रतिनिधियों के साथ समन्वय की कमी.
इन गंभीर मामलों को लेकर गढ़वा के उपायुक्त (डीसी) दिनेश कुमार यादव ने उनके खिलाफ आरोप गठित कर 26 सितंबर 2025 को सरकार को पत्र भेजा था, जिसके आलोक में निलंबन की यह कार्रवाई की गयी है.
मुखिया ने की थी शिकायत : मझिआंव प्रखंड प्रमुख आरती दुबे ने 24 जुलाई 2025 को उपायुक्त गढ़वा को तीन अलग-अलग पत्र लिखकर सीओ की करतूतों से अवगत कराया था.
मुख्यमंत्री की शिकायतों के मुख्य बिंदु:
दुर्व्यवहार व मारपीट: जोनल कार्यालय में काम के सिलसिले में आने वाले लोगों के साथ अक्सर दुर्व्यवहार व मारपीट करने व अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप.
अवैध बहाली: अपने अंचल कार्यालय में बिना विज्ञापन के अयोग्य कर्मियों की बहाली का आरोप.
अधिकारों का हनन: राजस्व वसूली, भूमि अभिलेख और राजस्व विवादों से संबंधित मामलों में ब्लॉक प्रमुख को उनके अधिकारों से वंचित करने का आरोप।
मुखिया की शिकायत के मद्देनजर डीसी ने पूरे मामले की गहन जांच करायी थी. जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद ही उन्होंने सरकार से सीओ के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी.
निलंबन अवधि के दौरान स्थानांतरण
निलंबन अवधि के दौरान प्रमोद कुमार को दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडलीय आयुक्त, रांची के कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया है.



