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Tuesday, November 4, 2025
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बिजली कंपनी का आदेश, किसानों को 10 घंटे से ज्यादा बिजली दी तो कर्मचारियों, जेई, डीजीएम, जीएम का कटेगा वेतन, कांग्रेस नाराज


मध्य प्रदेश में सरप्लस बिजली के दावों के बीच बिजली कंपनी के एक आदेश ने सियासत गरमा दी है. मध्य प्रदेश मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के एमडी कार्यालय से जारी आदेश में किसानों को 10 घंटे से ज्यादा बिजली नहीं देने का निर्देश दिया गया है. साथ ही अगर इस आदेश का उल्लंघन पाया गया तो संबंधित कृषि फीडर पर तैनात ऑपरेटर, जेई, डीजीएम, जीएम पर जुर्माना लगाया जाएगा, जो उनके वेतन से काट लिया जाएगा. बिजली कंपनी के इस आदेश पर कांग्रेस और किसान-कर्मचारी अधिकारियों ने नाराजगी जताई है. वे अन्याय कह रहे हैं.

दिल्ली में मेट्रो ट्रेन चलाने समेत कई राज्यों को बिजली मुहैया कराने वाली मध्य प्रदेश सरकार का दावा है कि हम अपने राज्य में 24 घंटे बिजली दे रहे हैं, लेकिन इन दावों में कितनी सच्चाई है ये सरकार के एक आदेश से ही पता चल सकता है. मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड ने कल सोमवार 3 नवंबर को एक आदेश जारी किया है, जो उसके दावों की पोल खुद ब खुद खोल देता है।

कर्मचारी/अधिकारी के वेतन से वसूली की जाएगी

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड द्वारा मुख्य महाप्रबंधक एके जैन के हस्ताक्षर से जारी आदेश में कृषि फीडरों पर 10 घंटे से अधिक बिजली आपूर्ति होने पर जीएम स्तर तक के अधिकारियों का वेतन काटने के संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं. इन निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि आदेश का उल्लंघन करने पर आर्थिक दंड दिया जायेगा, जिसकी वसूली संबंधित कर्मचारी/अधिकारी के वेतन से की जायेगी.

बिजली कंपनी के आदेश के महत्वपूर्ण निर्देश

  • यदि किसी माह में कृषि फीडर पर 1 दिन में 10 घंटे से अधिक आपूर्ति पाई गई तो संबंधित ऑपरेटर का 1 दिन का वेतन काटा जाएगा।
  • यदि किसी माह में यदि किसी फीडर पर लगातार 2 दिन तक प्रतिदिन 10 घंटे से अधिक आपूर्ति पाई गई तो संबंधित जूनियर इंजीनियर (जेई) का 1 दिन का वेतन काटा जाएगा।
  • यदि किसी माह में यदि किसी फीडर पर लगातार 5 दिनों तक प्रतिदिन 10 घंटे से अधिक आपूर्ति पाई गई तो संबंधित उप महाप्रबंधक (डीजीएम) का 1 दिन का वेतन काटा जाएगा।
  • यदि किसी भी फीडर पर माह में लगातार 7 दिन तक प्रतिदिन 10 घंटे से अधिक आपूर्ति पाई गई तो संबंधित महाप्रबंधक (जीएम) का 1 दिन का वेतन काटा जाएगा।
  • राज्य सरकार के निर्देशानुसार कृषि फीडरों पर निर्धारित अवधि 10 घंटे से अधिक बिजली आपूर्ति पाये जाने पर उपरोक्त आर्थिक दंड के प्रावधान यथावत जारी रहेंगे.

कांग्रेस ने आदेश को निरर्थक बताया

सरकार के इस आदेश पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, सबसे पहली बात तो ये कि इन किसानों को 10 घंटे बिजली नहीं मिलती, इन्हें सिर्फ चार-पांच घंटे ही बिजली मिलती है. उन्होंने कहा कि 10 घंटे का आदेश क्यों जारी किया गया यह समझ से परे है, कर्मचारियों/अधिकारियों के साथ इसका कोई मतलब नहीं है, वे सरकार के निर्देश पर काम करते हैं.

उमंग सिंघार ने बीजेपी सरकार से मांगा जवाब

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि यह बिजली कर्मचारियों के साथ अन्याय है क्योंकि कर्मचारी सरकार के नियमों के मुताबिक काम करते हैं. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि वे दिल्ली में मेट्रो ट्रेन चलाना चाहते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के लोगों को बिजली नहीं देना चाहते. भारतीय जनता पार्टी को इसका जवाब देना चाहिए.

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