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रांची/डेस्क: झारखंड हाई कोर्ट ने महिला पर्यवेक्षिकाओं की नियुक्ति मामले में सुनवाई करते हुए अगले आदेश तक नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक बरकरार रखी है. मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर को तय की गई है.
सुनवाई के दौरान प्रार्थी और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की ओर से दलीलें पेश की गईं. कोर्ट को बताया गया कि नियुक्ति में किसी भी वर्ग को 100 फीसदी आरक्षण नहीं दिया जा सकता, क्योंकि आवेदन केवल महिलाओं से ही मांगा गया है. वहीं, जेएसएससी की ओर से वकील संजय पिपरवाल ने कोर्ट को बताया कि यह नियुक्ति सिर्फ महिला कैडर के लिए की गयी है. राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने भी अपना पक्ष रखा.
शैक्षणिक योग्यता को लेकर भी विवाद है
यह मामला बाल कल्याण विभाग में महिला पर्यवेक्षक के 421 पदों पर नियुक्ति के लिए जेएसएससी द्वारा जारी विज्ञापन से जुड़ा है. इस परीक्षा में आवेदक भी शामिल हुए थे, लेकिन आयोग ने यह कहते हुए उनका चयन नहीं किया कि उनकी शैक्षणिक योग्यता विज्ञापन की शर्तों के अनुरूप नहीं है.
आवेदकों का कहना है कि उनके पास विज्ञापन में निर्धारित मुख्य विषय के बजाय सहायक विषय की डिग्री है, जबकि नियुक्ति नियमावली में ऐसा नहीं है. ये विवाद भी सुनवाई का बड़ा मुद्दा बना हुआ है.
प्रार्थी और जेएसएससी दोनों की बातें सुनने के बाद कोर्ट ने फिलहाल नियुक्ति पर रोक बरकरार रखी है और मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर को होगी.
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