सुल्तानपुर, लोकजनता। बार एसोसिएशन में पिछले कार्यकालों में हुई लाखों रुपये की वित्तीय अनियमितता का मामला एक बार फिर चर्चा में है। सोसायटी एवं चिट्स फंड के डिप्टी रजिस्ट्रार लक्ष्मीकांत ने मामले की जांच चार्टर्ड अकाउंटेंट से कराने का निर्देश दिया है। वहीं वर्तमान अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह ने पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई को शून्य करार दिया है.
एडवाइजरी बोर्ड की जांच में वर्ष 2020-21 में पूर्व अध्यक्ष नागेंद्र सिंह और सचिव राकेश श्रीवास्तव के कार्यकाल में 3.67 लाख रुपये और 2023-24 में पूर्व अध्यक्ष अरविंद पांडे और सचिव आर्तमणि मिश्रा के कार्यकाल में 15.23 लाख रुपये की अनियमितता पाई गई। बाद में उनके खिलाफ सदस्यता समाप्त करने और पैसे जब्त करने की कार्रवाई की गई, जिसे अब रद्द कर दिया गया है.
पूर्व अध्यक्ष नागेंद्र सिंह ने इसे अपनी प्रतिष्ठा गिराने की साजिश बताया, जबकि अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा ने कहा कि रजिस्ट्रार को इस मामले की सुनवाई का अधिकार नहीं है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पी. नजीर बनाम सलाफी ट्रस्ट मामले का हवाला देते हुए कहा कि ऐसी कार्यवाही को अवैध घोषित करने का अधिकार सिर्फ सिविल कोर्ट को है.


                                    
