सावन और भादो माह में बाबा महाकाल की सवारी के बारे में हर भक्त जानता है। इस दौरान दुनिया भर से श्रद्धालुओं की भीड़ भी जुटती है. इसके अलावा कार्तिक माह में भी बाबा अपने भक्तों का हालचाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं. आज एक बार फिर कार्तिक मास के सोमवार को सवारी निकलने जा रही है. वैसे आज का दिन बहुत खास है क्योंकि आज सवारी एक नहीं बल्कि दो बार निकलेगी.
सोमवार, 3 नवंबर 2025 को बाबा महाकाल अपने भक्तों को 7 घंटे के अंतराल में दो बार दर्शन देने वाले हैं। ये खास संयोग इसलिए बन रहा है क्योंकि आज कार्तिक मास की दूसरी सवारी है. इसके साथ ही हरिहर मिलन की सवारी भी निकलती है जो बैकुंठ चतुर्दशी को निकलती है।
बाबा महाकाल की 2 सवारी
परंपरा के अनुसार कार्तिक मास के दूसरे सोमवार को शाम 4 बजे सवारी निकलेगी। यह पारंपरिक मार्ग से होते हुए रामघाट पहुंचेगी, जहां पूजन के बाद शहर के अन्य मार्गों से होते हुए पुन: मंदिर पहुंचेगी। इसके बाद रात 11 बजे मंदिर से हरिहर मिलन की शोभा यात्रा निकाली जाएगी। इस दौरान राजाधिराज चंद्रमौलेश्वर के रूप में भक्तों को दर्शन देने वाले हैं.
सवारी शाही ठाठबाट के साथ निकलेगी
आज निकलने वाली बाबा महाकाल की दोनों सवारियां शाही ठाठ-बाट के साथ निकाली जाएंगी. सबसे पहले सभा मंडप में पूजा की जाएगी. इसके बाद पुलिस टीम भगवान को सलामी देगी और जुलूस शुरू हो जायेगा. इसमें बैंड, घुड़सवार और चांदी की पालकी शामिल होगी. करीब 7 बजे बाबा की सवारी वापस मंदिर पहुंचेगी.
रूट क्या होगा
पहली सवारी
सवारी महाकाल मंदिर से निकलकर गुदरी चौराहा, बख्शी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट जाएगी। यहां शिप्रा जल से पूजन के बाद सवारी कार्तिक चौक, ढाबा रोड, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए वापस मंदिर पहुंचेगी।
दूसरी सवारी
दूसरी सवारी का क्रम रात 11 बजे शुरू होगा। वैकुंठ चतुर्दशी पर बाबा भगवान विष्णु को सृष्टि का कार्यभार सौंपने के लिए महाकाल गोपाल मंदिर जाएंगे। यह सवारी गुदरी चौराहे से पटनी बाजार होते हुए सीधे द्वारिकाधीश गोपाल मंदिर तक जाएगी। यहां बाबा महाकाल को श्रीहरि विष्णु की तुलसी माला और द्वारिकाधीश को महाकालेश्वर की बिल्वपत्र माला चढ़ाई जाएगी.



