लखनऊ, लोकजनता। राज्य सरकार ने किसानों को लाइनों में खड़े होने के बजाय अपनी सुविधा के अनुसार इकाइयों से उर्वरक लेने का सुझाव दिया है। यह भी संदेश दिया गया है कि उत्तर प्रदेश में किसानों को उनकी जोत के अनुपात में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है। स्पष्ट किया गया कि पिछले वर्ष की 24.32 लाख मीट्रिक टन की तुलना में इस अवधि में 1.59 लाख मीट्रिक टन अधिक उर्वरक उपलब्ध है।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने रविवार को विभागीय अधिकारियों के साथ उर्वरक की नवीनतम उपलब्धता की समीक्षा की और अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसानों को आश्वस्त किया कि राज्य में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है, जिसे किसानों को उनकी भूमि के अनुपात में उपलब्ध कराया जा रहा है.
कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की है कि समितियों एवं विक्रय केन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध करा दिया गया है, अत: किसान बड़ी-बड़ी लाइनों में लगने के बजाय अपनी सुविधानुसार समितियों अथवा निजी दुकानों पर जाकर उर्वरक प्राप्त कर सकते हैं। सभी किसानों को उनकी भूमि के अनुसार उर्वरक उपलब्ध कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि रबी 2025-26 सीजन के लिए राज्य में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। एमएफएमएस पोर्टल के मुताबिक 2 नवंबर तक कुल 35.68 लाख मीट्रिक टन उर्वरक प्राप्त हुआ है, जिसमें से 9.77 लाख मीट्रिक टन बेचा जा चुका है. इस प्रकार, किसानों की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्य में 25.91 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का भंडार उपलब्ध है। यह पिछले वर्ष की समान अवधि में उपलब्ध मात्रा 24.32 लाख मीट्रिक टन से 1.59 लाख मीट्रिक टन अधिक है।
सहकारी समिति के पास 5.27 लाख मीट्रिक टन यूरिया है
कृषि मंत्री ने कहा कि रबी सीजन के लिए उर्वरकों की उपलब्धता एवं वितरण की लगातार निगरानी की जा रही है. वर्तमान में 4.35 लाख मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 1.94 लाख मीट्रिक टन अधिक है। एनपीके 4.80 लाख मीट्रिक टन उपलब्ध है। जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 2.60 लाख मीट्रिक टन अधिक है। इसके साथ ही यूरिया की उपलब्धता 12.71 लाख मीट्रिक है। इसी प्रकार एसएसपी की उपलब्धता 3.03 लाख मीट्रिक टन है। एमओपी की उपलब्धता 1.02 लाख मीट्रिक टन है. इसमें से सहकारी समिति के पास 5.27 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 1.80 लाख मीट्रिक टन डीएपी एवं 1.13 लाख मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध है।



