मध्य प्रदेश में लाखों बिजली उपभोक्ता ऐसे हैं जो आर्थिक तंगी या अन्य कारणों से समय पर बिजली बिल का भुगतान नहीं कर पाते हैं. अब उनका सरचार्ज काफी बढ़ गया है. ऐसे लोगों को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ी राहत दी है. सरकार समाधान योजना के जरिए बिजली बिल पर लगने वाला सरचार्ज माफ करने जा रही है.
इस योजना के तहत अगर किसी उपभोक्ता पर 1 करोड़ रुपये तक का सरचार्ज है तो उसे पूरी तरह माफ किया जा सकता है. मुख्यमंत्री सोमवार को योजना का शुभारंभ करेंगे। इससे उन परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी जो कई महीनों से बिजली बिल भरने के लिए परेशान थे.
बिजली बिल धारकों के लिए राहत की बड़ी खबर
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि सरकार की यह योजना 3 नवंबर से शुरू होकर 28 फरवरी 2026 तक चलेगी. पहले चरण में 3 नवंबर से 31 दिसंबर तक उपभोक्ताओं पर 60 से 100 फीसदी तक सरचार्ज माफ किया जाएगा. दूसरा चरण 1 जनवरी से 28 फरवरी 2026 तक चलेगा, जिसमें 50 से 90 फीसदी तक की छूट मिलेगी. इसका मतलब यह है कि योजना से जल्दी जुड़ने वालों को ज्यादा फायदा होगा। देर से आने वालों को कम छूट मिलेगी. सरकार ने इसे जल्दी आओ, अधिक पाओ के फॉर्मूले पर बनाया है।
आप बकाया बिजली बिल का भुगतान किस्तों में कर सकते हैं
इस योजना में उपभोक्ता पूरे बिल का भुगतान एकमुश्त कर सकते हैं या धीरे-धीरे छह किस्तों में राशि का भुगतान कर सकते हैं। जो लोग छूट का फायदा उठाना चाहते हैं उन्हें पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा. घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को कुल बकाया राशि का 10 प्रतिशत जमा करना होगा, जबकि दुकान या फैक्ट्री मालिकों को 25 प्रतिशत राशि का भुगतान करके योजना में पंजीकरण कराना होगा। यदि कोई ग्राहक समय पर दूसरी किस्त का भुगतान नहीं करता है, तो उसे योजना से बाहर कर दिया जाएगा और फिर पुराना सरचार्ज लागू होगा।
कौन उठा सकेगा योजना का लाभ?
इस समाधान योजना में घरेलू, गैर घरेलू, कृषि एवं औद्योगिक सभी प्रकार के उपभोक्ता शामिल होंगे। शर्त सिर्फ यह है कि बिल तीन महीने या उससे अधिक समय से बकाया होना चाहिए। हालाँकि, सरकारी कार्यालयों और विभागों के कनेक्शन इस योजना में शामिल नहीं होंगे।
सरकार के इस फैसले से आम जनता में राहत का माहौल है. कई लोगों का कहना है कि बिजली बिल पर सरचार्ज लगने से बकाया राशि काफी बढ़ गई थी और भुगतान करना मुश्किल हो गया था. अब इस योजना से उन्हें दोबारा शुरुआत करने का मौका मिलेगा.
अगर लोग इस योजना में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे तो सरकार को पुरानी बकाया राशि भी बड़ी मात्रा में वापस मिलेगी और जनता को भी राहत मिलेगी. यह कदम राज्य सरकार के लिए भी बड़ी उपलब्धि साबित हो सकता है क्योंकि बिजली वितरण कंपनियों पर बकाया राशि का दबाव लगातार बढ़ रहा था.



