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रांची/डेस्क: रांची के बुंडू में हुए सड़क हादसे में घायलों का हाल जानने शनिवार को झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी खुद पहुंचे. उन्होंने मरीजों से मुलाकात की, डॉक्टरों से इलाज की स्थिति की जानकारी ली और घायलों के बेहतर इलाज की तत्काल व्यवस्था सुनिश्चित की. डॉ. अंसारी ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की. उन्होंने अपने निजी स्तर से घायलों को आर्थिक मदद भी मुहैया करायी. उन्होंने कहा, “हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। राज्य सरकार हर संभव मदद करेगी।”
इसके बाद मंत्री रिम्स पहुंचे और ब्लड बैंक समेत विभिन्न वार्डों का औचक निरीक्षण किया. उन्होंने मरीजों से बातचीत कर दवाओं की उपलब्धता, साफ-सफाई और सुविधाओं की वास्तविक स्थिति के बारे में जाना।
निरीक्षण के दौरान डॉ. अंसारी ने रिम्स निदेशक और अधीक्षक को जमकर फटकार लगाई और कहा कि आपको बड़ी जिम्मेदारी दी गई है, इसलिए नतीजे भी बड़े होने चाहिए. लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मैं जो कुछ भी आवश्यक है – संसाधन, उपकरण प्रदान कर रहा हूं, लेकिन मैं बदले में सकारात्मक परिणाम चाहता हूं। “विभाग बहुत संवेदनशील है – किसी को भी स्वास्थ्य विभाग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने का मौका न दें।”
उन्होंने निर्देश दिया कि सभी वार्डों का नियमित निरीक्षण किया जाये. मरीजों की शिकायतों का तत्काल समाधान किया जाए। दवा आपूर्ति एवं आपूर्ति शृंखला में किसी भी प्रकार की अनियमितता को सख्ती से रोका जाए।
डॉ. अंसारी ने दो टूक कहा कि “अस्पताल जनता की सेवा के लिए हैं, अधिकारियों की आरामगाह नहीं।”
मंत्री ने कहा कि कुछ निजी अस्पताल 4-5 लाख रुपये लेकर मरीज को रिम्स भेजते हैं, जो गंभीर अपराध है. उन्होंने चेतावनी दी कि “अब ऐसे अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। नियम और निगरानी तंत्र तैयार किया जा रहा है। पैसे की कमी के कारण कोई भी मरीज इलाज से वंचित नहीं रहेगा।”
डॉ. अंसारी ने घोषणा की कि सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में नवीनतम हाईटेक उपकरणों की तत्काल खरीद प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे निदान और उपचार दोनों में गति और गुणवत्ता आएगी। उन्होंने कहा, ”झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को आधुनिक और विश्वसनीय बनाना मेरा संकल्प है.”
चाईबासा में हुई घटना को लेकर मंत्री ने कहा कि पूरी जांच निष्पक्ष और पारदर्शी होगी. शुरुआती संकेत राजनीतिक साजिश की ओर भी इशारा कर रहे हैं, जिसकी गहनता से जांच की जा रही है।
मंत्री ने सख्त लहजे में कहा, “जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होना तय है। शुरुआती कार्रवाई पर्याप्त नहीं है। अगर किसी ने साजिश रची है तो उसे भी बख्शा नहीं जाएगा।”
मंत्री ने स्वास्थ्य कर्मियों से कहा, “आप ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से काम करें. किसी के दबाव में न आएं. मैं आपका अभिभावक हूं- स्वास्थ्य विभाग और आपके साथ मजबूती से खड़ा हूं.”
रिम्स में मौजूद सैकड़ों मरीजों और परिजनों ने कहा कि मंत्री के निरीक्षण से अस्पताल की व्यवस्था में सुधार हुआ है, अब समय पर दवा मिल रही है और सेवा में सुधार हुआ है.
लोगों ने मंत्री से हर 15 दिन में निरीक्षण जारी रखने का आग्रह किया, जिस पर उन्होंने कहा, ”मरीजों का इलाज सुरक्षित और पारदर्शी होगा, डॉक्टरों का मनोबल ऊंचा रहेगा-यह मेरा संकल्प है.”
डॉ. इरफान अंसारी का यह दौरा महज औपचारिकता नहीं बल्कि झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को नई दिशा देने की एक ठोस पहल साबित हुई. मंत्री के शब्दों में, “सेवा, पारदर्शिता और जवाबदेही- यही झारखंड की नई स्वास्थ्य नीति की पहचान बनेगी।”
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