बालाघाट/भोपाल, दो नवंबर (भाषा) मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में 14 लाख रुपये की इनामी महिला नक्सली सुनीता ने आत्मसमर्पण कर दिया है। एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी.
अधिकारी के मुताबिक, 1 नवंबर को सुनीता ने मध्य प्रदेश पुलिस की नक्सल विरोधी इकाई ‘हॉक फोर्स’ के सहायक कमांडर रूपेंद्र धुर्वे के सामने हथियार डाल दिए.
उन्होंने कहा, “सुनीता भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की प्रतिबंधित केंद्रीय समिति की सदस्य और रामदेर जोन प्रभारी की सशस्त्र गार्ड थी। उस पर छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा कुल 14 लाख रुपये का इनाम घोषित था। वह छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के भैरमगढ़ तहसील के गोमवेता गांव की निवासी है।”
अधिकारी ने बताया कि इंसास राइफल से लैस सुनीता मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के गोंदिया जिले और छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव इलाके में सक्रिय थी.
उन्होंने बताया कि सुनीता साल 2022 से नक्सली आंदोलन से जुड़ी थी और उसने छत्तीसगढ़ के मढ़ इलाके में ट्रेनिंग ली थी.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आत्मसमर्पण को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की नक्सलियों को “आत्मसमर्पण करने या कार्रवाई का सामना करने” की कड़ी चेतावनी का सकारात्मक परिणाम बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ”मध्य प्रदेश आत्मसमर्पण, पुनर्वास सह राहत नीति 2023 के तहत किसी नक्सली का यह पहला आत्मसमर्पण है.” 1992 के बाद यह पहली बार है कि किसी अन्य राज्य के किसी नक्सली ने मध्य प्रदेश सरकार के सामने आत्मसमर्पण किया है.
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 10 महीनों में मध्य प्रदेश में प्रमुख नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई की गई, जिन पर कुल 1.46 करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया गया था.
भाषा सं.ब्रजेन्द्र खारी
खारी



