लखनऊ. उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने रविवार को छात्रों से ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना को सर्वोपरि रखते हुए भारत में गूगल जैसी कंपनियां स्थापित करने का आह्वान किया।
शर्मा ने लखनऊ स्थित इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के 17वें दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय प्रतिभाएं लंबे समय से विदेशों में जाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही हैं. अब समय आ गया है कि हम उस प्रतिभा का उपयोग अपने देश को आगे ले जाने में करें।
उन्होंने गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की प्रतिभा ने विदेशों में सफलता का झंडा लहराया है. अब यह आज की पीढ़ी के छात्रों की जिम्मेदारी है कि वे भारत में अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल करें और यहां गूगल जैसी कंपनी स्थापित करें।
शर्मा ने कहा कि भारत ने ऐसे मूल्य स्थापित किये हैं जिनका अनुसरण पूरी दुनिया कर रही है. उन्होंने कहा कि छात्रों को भारतीय मूल्य प्रणाली पर विश्वास रखकर इस देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने में मदद करनी चाहिए।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ब्रिटिश काल में भारत की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान हुआ, लेकिन हमें न सिर्फ दुनिया से मुकाबला करना है बल्कि अपनी महानता भी बहाल करनी है. उन्होंने छात्रों में अच्छे संस्कार विकसित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया और कहा कि विश्वविद्यालय को छात्रों को ‘सॉफ्ट स्किल्स’ से भी लैस करना चाहिए।
यूनिवर्सिटी के संस्थापक और चांसलर प्रोफेसर सैयद वसीम अख्तर ने छात्रों को सलाह देते हुए कहा, “सच्चाई और ईमानदारी का रास्ता अस्थायी नहीं बल्कि स्थायी सफलता दिलाता है। अगर आप महानता हासिल करना चाहते हैं तो चुनौतियों से डरें नहीं बल्कि अपनी क्षमता पर भरोसा रखें। आप वह सब कुछ कर सकते हैं जो आप सोच सकते हैं।”
दीक्षांत समारोह को इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर जावेद मुसर्रत और प्रो वाइस चांसलर नदीम अख्तर ने भी संबोधित किया. दीक्षांत समारोह में 133 शोध डिग्रियां (पीएचडी) और 4,793 स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्रियां प्रदान की गईं। इसके अलावा संकायवार 13 स्वर्ण पदक एवं 13 रजत पदक तथा कार्यक्रमवार 108 स्वर्ण पदक एवं 105 रजत पदक वितरित किये गये।



