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Monday, November 3, 2025
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इसरो का ‘बाहुबली’ संचार उपग्रह लॉन्च, समुद्र में नौसेना की आंख बनेगा CMS-03, जानिए इसकी खूबियां


इसरो: भारत के शक्तिशाली प्रक्षेपण यान LVM-3 को आज यानी रविवार (2 नवंबर) को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया है। भारतीय नौसेना का GSAT 7R (CMS-03) संचार उपग्रह भारतीय नौसेना का अब तक का सबसे उन्नत संचार उपग्रह है। यह उपग्रह नौसेना की अंतरिक्ष-आधारित संचार और समुद्री संचालन क्षमताओं को मजबूत करेगा। यह कई स्वदेशी और अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित है, जिन्हें विशेष रूप से भारतीय नौसेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए विकसित किया गया है। अंतरिक्ष एजेंसी (इसरो) ने कहा कि 4,410 किलोग्राम वजनी यह उपग्रह भारतीय धरती से जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में लॉन्च किया जाने वाला सबसे भारी उपग्रह है। इसे LVM3-M5 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया है. इसकी वजन उठाने की अद्भुत क्षमता को देखते हुए इसका नाम ‘बाहुबली’ रखा गया है।

इसे ‘बाहुबली’ सैटेलाइट क्यों कहा जा रहा है?

इसरो ने कहा कि 4,000 किलोग्राम तक भारी भार ले जाने की क्षमता के कारण सीएमएस-03 को ‘बाहुबली’ के नाम से जाना जा रहा है। यह 43.5 मीटर लंबा वाहन है। इसरो ने कहा कि LVM3 इसरो का नया हेवी लिफ्ट लॉन्च वाहन है और इसका उपयोग लागत प्रभावी तरीके से 4,000 किलोग्राम वजनी अंतरिक्ष यान को GTO में रखने के लिए किया गया है। हालांकि दावा किया जा रहा है कि सैटेलाइट का इस्तेमाल सैन्य निगरानी के लिए भी किया जाएगा, लेकिन इस मामले पर इसरो की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

भारी संचार उपग्रहों के प्रक्षेपण में पूर्ण आत्मनिर्भरता

दो ठोस मोटर ‘स्ट्रैप-ऑन’ (एस200), एक तरल प्रणोदक कोर चरण (एल110) और एक क्रायोजेनिक चरण (सी25) से युक्त यह तीन चरण वाला प्रक्षेपण यान इसरो को 4,000 किलोग्राम वजन वाले भारी संचार उपग्रहों को जीटीओ तक लॉन्च करने में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बना रहा है। LVM3- को इसरो वैज्ञानिक जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV) MK3 भी कहते हैं। इसरो ने कहा कि LVM3-M5 पांचवीं अभियान उड़ान है।

अब तक का सबसे भारी उपग्रह

इससे पहले 5 दिसंबर 2018 को इसरो ने अपने सबसे भारी संचार उपग्रह GSAT-11 को फ्रेंच गुयाना के कौरौ लॉन्च सेंटर से एरियान-5 VA-246 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया था। लगभग 5,854 किलोग्राम वजनी जीसैट-11 इसरो द्वारा निर्मित सबसे भारी उपग्रह है। इसरो ने कहा कि आज (रविवार) मिशन का उद्देश्य यह है कि मल्टी-बैंड संचार उपग्रह सीएमएस-03 भारतीय भूभाग सहित विस्तृत समुद्री क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करेगा। LVM-3 रॉकेट ने इससे पहले चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था, जिसके जरिए भारत 2023 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक लैंडिंग करने वाला पहला देश बना था। (इनपुट भाषा)



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