पलिया कलां, लोकजनता। दुधवा नेशनल पार्क शनिवार से पर्यटकों के लिए खुल गया है, लेकिन इस बार प्रवेश शुल्क, फोटोग्राफी और गैंडा दर्शन भी महंगा कर दिया गया है। दुधवा में दरें बढ़ाने का निर्णय वन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना की अध्यक्षता में बाघ संरक्षण फाउंडेशन की बैठक में लिया गया। इसमें प्रवेश शुल्क 200 से 250 रुपये, गैंडा दर्शन के लिए निर्धारित दर 150 से 200 रुपये प्रति व्यक्ति, अब जंगल में सामान्य कैमरा ले जाने पर 100 रुपये की जगह 200 रुपये लगेंगे।
बैठक में दुधवा के फील्ड डायरेक्टर डॉ. एच. राजामोहन ने टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन के तहत पिछले वर्षों में किए गए कार्यों का ब्योरा प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि अति महत्वपूर्ण कार्यों को त्वरित गति से क्रियान्वित करने के लिए दुधवा टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन के तहत व्यय किया जाता है, जिसका समायोजन प्रोजेक्टर टाइगर योजना के तहत प्राप्त बजट के बाद किया जाता है। वन एवं वन्य जीवों के संरक्षण के लिए विभिन्न स्थानों पर लगाये गये चेन लिंक फेंसिंग के प्रभाव की समीक्षा करते हुए वन मंत्री ने प्रधान सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन अनिल कुमार से जानकारी प्राप्त की. बैठक में उपनिदेशक जगदीश आर की ओर से दुधवा पर्यटन की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया। बाद में दरें बदल दी गईं. बैठक में प्रमुख सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन अनिल कुमार ने निकाय बैठक के सदस्यों एवं दुधवा प्रबंधन से कहा कि दुधवा पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। सेमिनारों के आयोजन के साथ-साथ वन एवं वन्य जीवों पर आधारित फिल्मों का आयोजन किया जाय। बैठक का संचालन डीएफओ वेफर जोन कीर्ति चौधरी ने किया।
नहीं पड़ेगा कोई असर, पर्यटक बोले- कीमतों के बारे में क्या सोचना
दुधवा घूमने आने वाले पर्यटकों को यहां के रेट की चिंता नहीं रहती। पहली बार दिल्ली से आए पर्यटक आमोद कुमार, राजेश कुमार, लखीमपुर के आदर्श सक्सेना और निशी सिंह का कहना है कि जंगल घूमने आए हैं तो दाम के बारे में क्या सोचना। अगर दुर्लभ जानवर ही दिख जाएं तो पैसा वसूल हो जाएगा. दुधवा में बहुत सारी सुविधाएं हैं और यहां आकर बहुत अच्छा लगा। यहां के प्राकृतिक सौंदर्य को बहुत करीब से महसूस किया। गाइडों से जंगल और वन्य जीवों के बारे में भी काफी जानकारी मिली।



