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Sunday, November 2, 2025
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लखनऊ: बिहार, झारखंड, दिल्ली और राजस्थान में फैला नेटवर्क, फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह के बैंक खातों की जांच शुरू.

कार्यालय संवाददाता, लखनऊ, लोकजनता: फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह का नेटवर्क बिहार, झारखंड, दिल्ली और राजस्थान तक फैला हुआ है. गिरफ्तार सदस्यों के मोबाइल और हार्ड डिस्क के जरिए एसटीएफ गिरोह के अन्य सदस्यों की जानकारी जुटा रही है। इसके अलावा सरगना और हरदोई के ग्राम पंचायत अधिकारी लालबिहारी और जेल भेजे गए पिता-पुत्र समेत पांचों आरोपियों के बैंक खातों की डिटेल खंगाली जा रही है। खातों में कितने पैसे का लेनदेन हुआ? और यह किन राज्यों में किया गया? यह जानकारी जुटाने के बाद एसटीएफ आगे की कार्रवाई करेगी।

एसटीएफ की शुरुआती जांच में पता चला है कि गिरोह का नेटवर्क बिहार, झारखंड, दिल्ली और राजस्थान तक फैला हुआ है. इन राज्यों में भी जालसाजों ने फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाये हैं. एसटीएफ के डिप्टी एसपी सुधांशु शेखर के मुताबिक जालसाजों के बैंक खातों की जांच की जा रही है. इस संबंध में कई बैंकों को पत्र लिखा गया है. साथ ही यह पता लगाया जा रहा है कि गिरोह द्वारा बनाए गए 1.40 लाख जन्म और 25 हजार से अधिक मृत्यु प्रमाण पत्र किन लोगों के लिए बनाए गए हैं? मोबाइल और हार्ड डिस्क से कई अहम जानकारियां मिली हैं। उसके आधार पर जांच चल रही है। गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में पुलिस और एसटीएफ की टीमें छापेमारी कर रही हैं। शुक्रवार को एसटीएफ ने गिरोह के सरगना लालबिहारी को दुबग्गा से गिरफ्तार कर लिया। वह मूल रूप से कृष्णानगर, भोलाखेड़ा, सुभाषनगर का रहने वाला है। वह हरदोई जिले के अहरौली में ग्राम पंचायत अधिकारी हैं। अन्य साथियों में गोंडा के मोतीगंज बैरिया विशुनपुर इमलिया बिटौरा निवासी रवि वर्मा, उसका भाई सोनू वर्मा, पिता वंशराज और सत्यारोहन शामिल हैं। लालबिहारी इन लोगों से फर्जी प्रमाणपत्र बनवाता था। एक प्रमाणपत्र के लिए छह सौ से एक हजार रुपये लेते थे।

क्यूआर कोड स्कैन करते ही एसटीएफ को फर्जीवाड़े की जानकारी हो गई

डिप्टी एसपी के मुताबिक टीम ने जब दुबग्गा से लालबिहारी को पकड़ा तो उसकी कार से एक पैकेट मिला। पैकेट में रामचन्द्र, साबिरा बानो, अमन अली, मो. सुलेमान, राम देवी, गंगा देवी के मृत्यु प्रमाण पत्र भी मिले। इसके अलावा रौनक राजपूत, अजय कुमार, सौम्या द्विवेदी के मृत्यु प्रमाण पत्र मिले। जब इन प्रमाणपत्रों के क्यूआर कोड स्कैन किए गए तो इनका विवरण सरकारी साइट पर नहीं मिला। पूछताछ में पता चला कि गिरोह फर्जी वेबसाइट से सर्टिफिकेट बनाने का काम करता था।

ग्राम पंचायत अधिकारी को बर्खास्त किया जाएगा

गैंग लीडर एवं ग्राम पंचायत अधिकारी लालबिहारी की बर्खास्तगी के लिए हरदोई जिला प्रशासन को पत्र लिखा जा रहा है। वह अहरौली ग्राम पंचायत में तैनात थे। उसने लोगों को जोड़कर फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का गिरोह शुरू कर रखा था।

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