कानपुर, लोकजनता। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुभाष चंद्र शर्मा ने दशमोत्तर छात्रवृत्ति (कक्षा 11-12 को छोड़कर) से संबंधित शिक्षण संस्थानों के साथ समीक्षा बैठक की, जिसमें अधिकारियों ने बताया कि कुल 397 शिक्षण संस्थानों में से केवल 152 संस्थानों का मास्टर डाटा बेस लॉक है. इस पर प्रमुख सचिव ने नाराजगी जताई और कहा कि छात्रवृत्ति में देरी स्वीकार्य नहीं है।
शनिवार को नवीन सभागार में प्रमुख सचिव की बैठक हुई जिसमें जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह व मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन समेत उच्च शिक्षा, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, विकलांग कल्याण व पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में प्रमुख सचिव ने छात्रवृत्ति संबंधी कार्यों की प्रगति का बिंदुवार मूल्यांकन किया और स्पष्ट रूप से कहा कि छात्रवृत्ति वितरण में देरी अस्वीकार्य है, कोई भी पात्र विद्यार्थी इसके लाभ से वंचित नहीं रहना चाहिए. उन्होंने सभी संस्थाओं को समय सारिणी के अनुसार कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश दिये।
397 संस्थानों में से सिर्फ 152 ने ही डाटा लॉक किया
बैठक में प्रधान सचिव को बताया गया कि जिले में कुल 397 शिक्षण संस्थान हैं, जिनमें से अब तक मात्र 152 संस्थानों का मास्टर डाटा बेस लॉक किया गया है, जबकि 245 संस्थानों का डाटा अभी भी पेंडिंग है. विश्वविद्यालयों/संबद्ध एजेंसियों में भी केवल 67 संस्थानों का डेटा लॉक किया गया है। प्रमुख सचिव ने इस पर नाराजगी व्यक्त की और निर्देश दिया कि सभी संस्थान 25 नवंबर 2025 तक डेटा लॉक कर लें और विश्वविद्यालय 5 दिसंबर 2025 तक फीस और सीट लॉक करने की प्रक्रिया पूरी कर लें.
छात्रवृत्ति वितरण 24 जनवरी एवं 16 मार्च को
प्रमुख सचिव ने कहा कि दशमोत्तर छात्रवृत्ति का वितरण दो चरणों में किया जायेगा. पहला चरण 24 जनवरी 2026 को और दूसरा चरण 16 मार्च 2026 को होगा। इससे छात्रों को समय पर धनराशि मिलेगी और छात्रवृत्ति पोर्टल पर लोड भी कम होगा।
20,396 आवेदनों में से केवल 4,530 का सत्यापन हुआ
प्रधान सचिव को बताया गया कि जिले में सभी वर्ग के कुल 20,396 छात्र-छात्राओं का अंतिम आवेदन जमा हो चुका है. इनमें से 4,530 आवेदनों का सत्यापन किया जा चुका है और 94 आवेदन अग्रसारित किये गये हैं। प्रमुख सचिव ने संस्थानों को चेतावनी दी कि सभी आवेदन एक सप्ताह के अंदर अग्रसारित कर दिये जाएं, अन्यथा विलंब के लिए संस्थान स्वयं जिम्मेदार होंगे. तालिका की समीक्षा करते हुए प्रधान सचिव ने निर्देश दिया कि सभी लंबित आवेदनों को 2 नवंबर 2025 तक अग्रसारित कर दिया जाये. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय समय पर परीक्षा परिणाम घोषित करें, ताकि कोई भी छात्र परीक्षा परिणाम के अभाव में छात्रवृत्ति से वंचित न रह जाये.



