धनबाद.
चाईबासा में बच्चों को संक्रमित खून चढ़ाने की घटना के बाद स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने ब्लड बैंक संचालन व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए जिलावार समीक्षा शुरू कर दी है. इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह के निर्देश के आलोक में धनबाद जिले के ब्लड बैंकों की कार्यप्रणाली में सुधार लाने और रक्तदान व्यवस्था को मजबूत करने के लिए शुक्रवार को सिविल सर्जन कार्यालय में बैठक बुलाई गयी. लेकिन सिविल सर्जन डॉ. आलोक विश्वकर्मा खुद कार्यालय में मौजूद नहीं थे। ऐसे में बैठक नहीं हो सकी. इधर, बैठक बुलाने के बाद सिविल सर्जन के स्वयं अनुपस्थित रहने से रक्तदाता संगठन के लोग नाराज हो गये. उन्होंने कहा कि जब सिविल सर्जन खुद उपस्थित नहीं हो सके तो उन्हें बुलाने का क्या मतलब है. गोविंदपुर, टुंडी और कतरास जैसे सुदूर इलाकों से कई संगठन प्रतिनिधि पहुंचे थे. करीब दो घंटे इंतजार के बाद रक्तदाता संगठनों के प्रतिनिधि लौट गये.एसडीओ की अध्यक्षता में बैठक करने का निर्णय
शुक्रवार को सीएस कार्यालय में बुलाई गई बैठक सिविल सर्जन ने रेडक्रॉस के माध्यम से बुलाई थी। रेड क्रॉस सोसाइटी के अधिकारी भी सीएस के रवैये से नाखुश हैं. रेडक्रॉस सोसाइटी व विभिन्न संगठनों ने निर्णय लिया है कि अब वे तभी भाग लेंगे, जब बैठक की अध्यक्षता एसडीओ करेंगे.
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पोस्ट धनबाद समाचार: बैठक से पूर्व भद्धा रक्तदाता संगठनों के प्रतिनिधियों की मंजूरी सबसे पहले लोकजनता पर.



