अयोध्या, अमर विचार. अयोध्या में गुरुवार को भारी बारिश के बीच श्रद्धालुओं ने राम नाम का जाप करते हुए 14 कोसी परिक्रमा पूरी की. भक्तों ने कहा कि भगवान राम परीक्षा ले रहे हैं. इसमें करीब 25 लाख श्रद्धालु शत-प्रतिशत उत्तीर्ण हुए। हालांकि, कुछ जगहों पर उन्हें भारी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा.
कीचड़ के कारण फिसलन बढ़ गई थी. बारिश से बचने के लिए श्रद्धालुओं ने खुद को बड़ी चादर से ढका और परिक्रमा पूरी की. परिक्रमा के दौरान मार्गों पर सादे कपड़ों में सुरक्षाकर्मियों के साथ बड़ी संख्या में महिला-पुरुष पुलिसकर्मी तैनात किये गये थे. इसके साथ ही पूरे मेले की ड्रोन से निगरानी की गई. भीड़-भाड़ वाली जगह पर भी एटीएस की नजर रही. पूरे दिन प्रशासनिक अधिकारी मार्गों पर भ्रमण करते दिखे।
अयोध्या में परिक्रमा शुरू करने का समय गुरुवार सुबह 4.51 बजे था, लेकिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने बुधवार को ही परिक्रमा शुरू कर दी. पूरी रात चौदह कोसी मार्ग पर मेले जैसा माहौल रहा। वहीं ब्रह्म मुहूर्त में साधु-संतों ने पारंपरिक तरीके से सरयू में स्नान कर परिक्रमा शुरू की. जुड़वां शहर को 42 किलोमीटर के दायरे में मानव शृंखला से घेरा गया था. धार्मिक मान्यता है कि 14 कोसी परिक्रमा पूरी करने से सात जन्मों का पुण्य मिलता है। अति प्राचीन एवं ऐतिहासिक परिक्रमा आज भी अपनी परम्परा के अनुसार आयोजित की जाती है।
श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए परिक्रमा पथ पर रेत बिछा दी गई, ताकि नंगे पैर चलने वालों को कोई दिक्कत न हो. जगह-जगह खोया-पाया शिविर लगाए गए। परिक्रमा पूरी होने के साथ ही सरयू तट से लेकर प्रमुख मठ-मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए आस्था का सागर उमड़ पड़ा। प्रसिद्ध नागेश्वरनाथ, हनुमानगढ़ी, कनक भवन समेत राम मंदिर में दर्शन-पूजन का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। मंडलायुक्त राजेश कुमार, आईजी प्रवीण कुमार, जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे, एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर मार्गों पर भ्रमण करते दिखे।
रामभक्त मंडल से ही नहीं बल्कि दूर-दूर से आए थे।
14 कोसी परिक्रमा करने को लेकर श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा गया. सिर्फ अयोध्या मंडल से ही नहीं बल्कि अन्य जिलों से भी श्रद्धालु अयोध्या में परिक्रमा करने आए थे. सीतापुर से आईं लक्ष्मी ने बताया कि वह हर साल परिक्रमा के लिए आती हैं। अब रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हैं. भव्य दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होता है। प्रयागराज से स्वप्निल अपनी पत्नी के साथ आए थे। दोनों ने एक साथ परिक्रमा की. बहराइच, सीतापुर, कानपुर, लखनऊ, बरेली, गोंडा, प्रयागराज समेत अन्य जिलों के अलावा नेपाल से भी श्रद्धालु पहुंचे थे।
युवाओं ने मात्र पांच घंटे में परिक्रमा पूरी की
युवाओं में परिक्रमा को लेकर उत्साह देखा गया। समूहों में पहुंचे युवाओं में सबसे पहले परिक्रमा पूरी करने की होड़ मची रही। रुदौली से आए अर्जुन, अनिल और अजय ने एक साथ परिक्रमा की। उन्होंने बताया कि उन्होंने मात्र पांच घंटे में परिक्रमा पूरी कर ली। इसके अलावा बड़ी संख्या में महिलाएं भी परिक्रमा करती नजर आईं।
अब पंचकोसी परिक्रमा की तैयारी
जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि 25 लाख से अधिक श्रद्धालु परिक्रमा कर चुके हैं। भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था. बारिश के बावजूद मार्च करने वाले नहीं रुके. प्रशासन की ओर से तीर्थयात्रियों के लिए सभी व्यवस्थाएं की गईं। अब पंचकोसी परिक्रमा को सकुशल संपन्न कराने की तैयारी की जा रही है।
परिक्रमा के बाद जिले को 14 आयुष चिकित्सक मिलेंगे
अयोध्या, लोकजनता: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत जिले में आयुष चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गयी है। मार्च माह में जारी विज्ञापन के बाद सितंबर-अक्टूबर में इंटरव्यू पूरे हुए। सीडीओ केके सिंह की अध्यक्षता में करीब 500 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लिया गया। परिक्रमा समाप्त होने के बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे, जिससे जिले को 14 नए आयुष डॉक्टर मिलेंगे।
सीएमओ डॉ. सुशील कुमार बनियान ने गुरुपर को बताया कि 5 से 6 नवंबर के बीच रिजल्ट जारी करने का प्रयास किया जा रहा है। इन डॉक्टरों की नियुक्ति से स्वास्थ्य विभाग, खासकर ब्लॉक स्तर पर और मजबूत होगा और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) समेत अन्य योजनाओं को लाभ मिलेगा। आयुष चिकित्सकों की कमी लंबे समय से महसूस की जा रही थी। ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों की मांग बढ़ रही है और एनएचएम इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
कुछ ने दो बार फॉर्म भरा था
कुल 14 पदों के लिए मार्च में विज्ञापन जारी किया गया था. इसमें करीब 800 अभ्यर्थियों ने फॉर्म भरा था. कई अभ्यर्थियों ने एक से अधिक बार आवेदन किया। इससे आवेदनों की संख्या तो बढ़ गई, लेकिन साक्षात्कार के लिए केवल योग्य अभ्यर्थियों को ही बुलाया गया। पीएचसी और स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी। इससे आयुष सेवाओं का विस्तार होगा और मरीजों को आधुनिक के साथ-साथ पारंपरिक चिकित्सा का भी लाभ मिलेगा। चयनित अभ्यर्थियों को पीएचसी व सीएचसी के अलावा एनएचएम समेत विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं में शामिल किया जाएगा।


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