बरेली, लोकजनता। स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है, लेकिन इसे रोका जा सकता है। जागरुकता की कमी के कारण जब महिलाएं इलाज के लिए डॉक्टर के पास पहुंचती हैं, तब तक समस्या काफी गंभीर हो चुकी होती है। तीसरी से चौथी स्टेज के कैंसर से पीड़ित मरीजों के इलाज में काफी जटिलता होती है। इससे बचाव के कुछ मूल मंत्र हैं, जो महिलाओं को कैंसर से बचा सकते हैं। ये सुझाव रोहिलखंड कैंसर इंस्टीट्यूट की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अंकिता पांडे ने दिए।
रोहिलखंड कैंसर इंस्टीट्यूट और लोकजनता के संयुक्त तत्वावधान में स्तन कैंसर जागरूकता माह के तहत तीन दिवसीय महिला कैंसर सुरक्षा अभियान के तीसरे दिन गुरुवार को सेक्रेड हार्ट स्कूल, महाराजा अग्रसेन कॉलेज और मेथोडिस्ट गर्ल्स इंटर कॉलेज की छात्राओं को स्तन कैंसर के लक्षण, बचाव और उपचार के बारे में जागरूक किया गया। सेक्रेड हार्ट्स स्कूल में डॉ. अंकिता ने बताया कि कैंसर अब लाइलाज नहीं है। समय पर और उचित इलाज से इसे हराया जा सकता है, लेकिन जागरूकता से ही बचाव संभव है। कैंसर होने के कुछ मुख्य कारकों में 30 की उम्र के बाद शादी करना, असंतुलित जीवनशैली, असंतुलित खान-पान शामिल है, इसलिए सही उम्र में शादी करना बहुत जरूरी है।
डॉ. अंकिता ने बताया कि खास बात यह है कि आजकल महिलाएं अपने बच्चों को स्तनपान कराने से कतराती हैं, लेकिन ऐसा करना गलत है। अगर बच्चे को 6 महीने तक स्तनपान कराया जाए तो मां को स्तन कैंसर होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। इससे पहले स्कूल की एमडी राधा सिंह, प्रिंसिपल डॉ. उर्मीला वाजपेई और कार्यकारी निदेशक निर्भय बेनीवाल ने असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अंकिता पांडे का स्वागत किया। कार्यक्रम में सेक्रेड हार्ट्स स्कूल के एचएस बिष्ट, आमिर अली और आशीष पांधी का विशेष सहयोग रहा।
नकारात्मकता से दूर रहें, खुद को परखें
डॉ. अंकिता ने विद्यार्थियों से कहा कि आपने अक्सर सुना होगा कि यदि आपके जीवन में नकारात्मकता है तो यह किसी भी कार्य की सफलता में बाधा बनती है। जीवन में इससे बचें. हर महीने बीएसई यानी ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन करें। अगर ब्रेस्ट में कोई बदलाव या गांठ दिखे तो तुरंत परिवार वालों को बताएं और डॉक्टर से सलाह लें।


 
                                    


