कृषि: केंद्र सरकार ने देश के किसानों को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। किसानों को आत्मनिर्भर एवं आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने को प्राथमिकता दी गई है। इस संबंध में गुरुवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय एफपीओ कॉन्क्लेव 2025 का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में 24 राज्यों और 140 जिलों के 500 से अधिक प्रगतिशील किसानों, एफपीओ, कार्यान्वयन एजेंसियों (आईए) और क्लस्टर-आधारित व्यापार संगठनों (सीबीबीओ) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह ने किसानों, एफपीओ सदस्यों और सहयोगी संगठनों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि एफपीओ के माध्यम से किसानों को न केवल उत्पादक बल्कि व्यापारी और उद्यमी भी बनाना जरूरी है. प्रधानमंत्री का स्पष्ट संदेश है कि देश के किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। कृषि देश के लोगों की आजीविका के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। किसानों के हित के लिए एकीकृत खेती जरूरी है।
किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलना जरूरी है
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि मंत्री होने के नाते सरकार की जिम्मेदारी है कि किसानों को उनकी मेहनत से उगाई गई फसलों का अच्छा दाम मिले. किसान फसल उगाने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं, लेकिन कई बार उन्हें पर्याप्त दाम नहीं मिल पाते। इस समस्या का समाधान करना सरकार की प्राथमिकता है. किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए बीज कानून लाने पर विचार किया जा रहा है। इस कानून का उद्देश्य किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराना है। नकली, घटिया बीज और कीटनाशकों के मामले में सरकार सख्त कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगी।
एफपीओ कार्यक्रम में 267 एफपीओ द्वारा अनाज, तिलहन, दालें, फल, सब्जियां, जैविक, प्रसंस्कृत एवं पारंपरिक उत्पादों की भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. कार्यक्रम में तिलहन उत्पादन, जल उपयोग दक्षता, प्राकृतिक खेती, कृषि अवसंरचना निधि, शहद उत्पादन, डिजिटल मार्केटिंग, एगमार्क प्रमाणीकरण, बीज उत्पादन जैसे कई तकनीकी सत्र और पैनल चर्चाएं आयोजित की गई हैं, जिसमें कृषि विशेषज्ञों, उद्योग प्रतिनिधियों और किसान संगठनों से जुड़े लोगों ने भाग लिया।



